जींद की छोरी सिमरन ने यूपीएससी परीक्षा में हासिल की 66वीं रैंक

विदेश सेवा में जाना चाहती है सिमरनतीसरे प्रयास में पिता का सपना पूरा

जींद, 22 अप्रैल (हि.स.)। जींद जिले के गांव पाजू खुर्द की छोरी ने यूपीएससी की परीक्षा में देशभर में 66वां रैंक हासिल करके सफीदों क्षेत्र के साथ-साथ अपने गांव पाजू खुर्द व माता-पिता का नाम रोशन किया है। सिमरन की इस उपलब्धि पर गांव व परिवार में खुशी का माहौल है।

यूपीएससी परीक्षा में 66वां रैंक हासिल करने वाली सिमरन ने 12वीं तक की शिक्षा सफीदों के एक निजी स्कूल में ली। उसके बाद उसने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए व एमए की परीक्षा पास की। तत्पश्चात वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गई।

कड़ी मेहनत के बल पर सिमरन ने यूपीएससी के इस वर्ष परिणाम में पूरे देश में 66वां रैंक हासिल किया। सिमरन के पिता जगबीर खर्ब फिलहाल शिमला (हिमाचल प्रदेश) में इनकम टैक्स ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं और माता सुशीला एक ग्रहणी हैं। सिमरन का परिवार करीब छह साल पहले गांव पाजू खुर्द से सोनीपत में शिफ्ट हो गया था।

सिमरन अपने माता-पिता की इकलौती लड़की है। सिमरन के चाचा कृष्ण के लड़का व लड़की भी उसके पास ही पढ़ाई कर रहे हैं। यूपीएससी में उतीर्ण सिमरन ने कहा कि उसके पिता जगबीर खर्ब का सपना था कि वह यूपीएससी की परीक्षा पास करे। जिसके बाद उसने यूपीएससी की दो बार परीक्षा दी और तीसरे प्रयास में वह अपने पिता के सपने को साकार कर पाई। इसके लिए उसने एक साल दिल्ली में यूपीएससी की कोचिंग ली। सिमरन ने बताया कि माता-पिता, परिवार व दोस्तों का मोटिवेशन उसके लक्ष्य निर्धारित करने में विशेष सहयोगी रहा है।

सिमरन की दिनचर्या

सिमरन ने बताया कि वह दिल्ली में यूपीएससी की पढ़ाई कर रही थी। इस दौरान उसने अपनी दिनचर्या निर्धारित की हुई थी। वह सुबह 9 से 1 बजे तक पढ़ाई करती थी। उसके बाद खाना खाने के बाद कभी-कभार सीरियल वगैरह भी देख लेती थी। फिर सायं 2 से 5 बजे तक पढ़ाई करती थी। बीच में फिर एक घंटे का अंतराल लेकर 6 से 8 बजे तक और उसके बाद रात 9 से 2 बजे तक पढ़ाई करती थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा

   

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