नियमों को ताक पर रखकर अस्सी प्रतिशत से ज्यादा बिजली के स्मार्ट प्री-पेड मीटर में लगा दिये गये सिंगल सिम
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- Jan 07, 2025
लखनऊ, 07 जनवरी (हि.स.)। भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्री-मीटर डबल सिम वाले लगने थे, लेकिन अधिकांश सिंगल प्री-पेड के मीटर लगा दिये गये हैं। यह खुलासा जांच के बाद हुआ। इसकी जानकारी होने पर उप्र राज्य उपभोक्ता परिषद ने पावर कारपोरेशन के कामर्शियल निदेशक से पूरे मामले की जांच की मांग उठाई और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि जब पावर कारपोरेशन से स्मार्ट प्री-पेड का आंकड़ा मांगा तो पता चला कि सभी बिजली कंपनियों में 27,395 फीडर में 21,082 फीडरों पर सिंगल सिम वाल प्री-पेड लगाया गया है। उपभोक्ता परिषद इस गड़बड़ी का पहले भी अंदेशा जाहिर कर चुका है। इसमें भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत डबल सिम वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने चाहिए थे।
उपभोक्ता परिषद ने पूरे मामले की जानकारी पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य सहित भारत सरकार की रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड रीजनल ऑफिस लखनऊ को भी दी और पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की केंद्र से मांग उठाई।
अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि भारत सरकार के कुछ उच्चाधिकारी इस पूरी स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना को फेल करने पर तुले हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का मानना था कि वर्तमान में जो फीडर है उस पर कब बिजली काटी, कब बिजली आई उसी के आधार पर औसत विद्युत आपूर्ति का आकलन किया जाता है। डबल सिम होने पर एक कम्पनी के सिम का नेटवर्क यदि नहीं काम करेगा तो दूसरा सिम ऑटो स्विच के आधार पर काम करने लगेगा और डाटा प्राप्त हो जाएगा। इससे सही आकलन होगा कि कौन सा फीडर कब बंद हुआ, कब चालू हुआ।
उपभोक्ता परिषद को पावर कारपोरेशन से मिले डाटा के अनुसार पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 5187 फीडरों में 4596 फीडर सिंगल सिम वाले मीटर लगे हैं। वहीं मध्यांचल में 4655 फीडर में 1745 फीडर सिंगल सिम वाले मीटर लगे हैं। पश्चिमांचल में 9996 फीडरों में 9349 सिंगल सिम वाले मीटर, दक्षिणांचल केस्को में 27395 फीडरों में 21082 सिंगल सिम वाले स्मार्ट मीटर लगे हैं। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज इस मामले पर जहां पावर कारपोरेशन के निदेशक कमर्शियल निधि कुमार नारंग को पूरे मामले पर बात करते हुए सख्त कार्यवाही की मांग उठाई। वहीं भारत सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश में कार्यरत रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड रीजनल ऑफिस लखनऊ को भी इसकी सूचना दे दी है। कहा है कि प्रदेश में भारत सरकार की गाइडलाइन का खुला उल्लंघन हो रहा है और जो भी मॉनिटरिंग करने वाले लोग हैं, वह चुपचाप हैं। जो बहुत गम्भीर मामला है। उप्र के मामले में केंद्र सरकार को तत्काल स्मार्ट प्रीपेड मीटर की पूरी परियोजना की सीबीआई जांच करने का आदेश पारित करना चाहिए, जिस प्रकार से बिना टेस्टेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाए जा रहे हैं और अब बड़ा खुलासा हुआ है कि फीडर पर सिंगल सिम वाले मीटर लगा दिए गए यह सब बड़ा गोलमाल है।
हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय