महाराष्ट्र से 15 साल पहले लापता हुई लडक़ी के परिजनों को हरियाणा पुलिस ने तलाशा

एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के एएसआई राजेश को गुमशुदा युवती ने किया था निवेदन

पानीपत से युवती को किया गया था रेस्क्यू

सोनीपत, 18 जनवरी (हि.स.)।हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) पंचकूला ने पिछले 15 साल से महाराष्ट्र के वर्धा जिले से गुमशुदा 22 वर्षीय युवती नेहा को उसके परिजनों से मिलवाने में सफलता प्राप्त की। यह युवती 7 वर्ष की आयु में अपने परिजनों से महाराष्ट्र के वर्धा जिला से बिछड़ गई थी। यह लडक़ी पिछले 15 साल से लापता थी और वर्तमान में सोनीपत के राई स्थित बालग्राम में रह रही है। युवती को प्रदेश पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की पंचकूला टीम ने कड़ी मेहनत व संवेदनशीलता के चलते तलाश किया गया है।

पुलिस प्रवक्ता ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश पुलिस की एएचटीयू पंचकूला में तैनात एएसआई राजेश कुमार एक गुमशुदा लडक़ी को परिवार से मिलवाने के लिए सोनीपत जिला के सरकारी आश्रम ‘बालग्राम‘ में गए थे। इसी दौरान आश्रम में रहने वाली एक 22 वर्षीय युवती ने उनसे निवेदन करते हुए कहा कि ‘सर, मैं यहां पिछले 13 वर्ष से रह रही हूं और मुझे नहीं पता कि मेरे मां बाप कहां हैं, मुझे उनकी बहुत याद आती है,आप प्लीज, मेरे माता पिता को भी ढूंढ दीजिए।

इसके बाद एएचटीयू यूनिट पंचकूला की टीम द्वारा गुमशुदा लडक़ी की काउंसिलिंग की गई जहां उससे अलग अलग तरह के सवाल पूछे गए ताकि उसके परिवार संबंधी कोई भी सुराग मिल सके। काउंसिलिंग में युवती ने बताया कि उसके घर में दो गलियां लगती थी और उनकी भाषा भी अलग थी। इसके अलावा उसने बताया कि वहां के बुजुर्ग लोग अलग तरीके की टोपी पहनते थे।

नेहा इस आश्रम में पानीपत से सन 2012 में आई थी और उस समय उसकी आयु तकऱीबन 9 वर्ष की थी। वहीं अब नेहा बालग्राम राई जिला सोनीपत में पिछले 13 साल से रह रही है। नेहा हरियाणा के पानीपत में 2010 में गुम हुई थी और प्रदेश पुलिस ने इसी का आधार बनाकर गुमशुदा लडक़ी के परिवार की तलाश के लिए प्रयास शुरू किए। प्रदेश पुलिस के प्रयासों से गुमशुदा लडक़ी नेहा का महाराष्ट्र के वर्धा जिले में गुमशुदगी का केस दर्ज मिला जो 15 मार्च 2010 में दर्ज किया गया था। इसके बाद, युवती के परिजनों से संपर्क किया गया।

पुलिस द्वारा गुमशुदा लडक़ी नेहा के भाई अनिकेत से संपर्क किया गया और परिवारजनों को वीडियो कॉल के जरिए पहचान करवाई गई। वीडियो कॉल पर परिवार के लोगों ने अपनी बेटी को पहचाना और उसे लेने जिला सोनीपत पहुंचे। सभी नियमित कार्यवाही करने के बाद चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, सोनीपत की देखरेख में युवती को उसके परिजनों से मिलवाया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना

   

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