दलितों पर हुए अत्याचारों के विरोध में शोषण मुक्ति मंच का धरना प्रदर्शन
- Admin Admin
- Nov 17, 2025
मंडी, 17 नवंबर (हि.स.)। दलितों पर अत्याचारों के विरोध में शोषण मुक्ति मंच की मंडी इकाई ने सोमवार को सेरी चांनणी में धरना प्रदर्शन किया। वहीं पर जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। शोषण मुक्ति मंच के सदस्यों सुरेश सरवाल, राजेश शर्मा व जय किशन ने बताया कि पिछले महीनों में रोहड़ू में दलित बच्चे सिकंदर की संदिग्ध मृत्यु और कुल्लू–सैंज में दलित महिला पर हुए हमले तथा उसकी मौत जैसी घटनाओं ने पूरे राज्य में गहरी चिंता और आक्रोश पैदा किया है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं और दलित समाज के खिलाफ बढ़ती हिंसा, भेदभाव, भूमि-अधिकारों से वंचित करना, असुरक्षित परिस्थितियां और सफाई कर्मियों की अस्थिर सेवा शर्तों ने इस आंदोलन को और व्यापक बनाया है। मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग की किएससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत लंबित मामलों की समयबद्ध और निष्पक्ष जांच की जाए, दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए तथा तेलंगाना की तर्ज पर एससी-एसटी विकास निधि कानून हिमाचल में लागू किया जाए।
इसके साथ ही 85वें संविधान संशोधन को पूर्ण रूप से लागू करने, पीड़ित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता व सुरक्षा प्रदान करने, एससी-एसटी विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति देने, सभी नई भर्तियों में आरक्षण रोस्टर लागू करने, सरकारी व शैक्षणिक संस्थानों में भेदभाव के मामलों की जांच हेतु राज्य स्तरीय निगरानी समिति गठित करने की मांग की गई। इसके अलावा एससी-एसटी कल्याण योजनाओं के बजट का 100 प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित कर उसकी सार्वजनिक रिपोर्ट जारी करने की मांग भी उठाई गई। प्रदेश भर में सफाई कर्मियों के नियमितीकरण, ठेका प्रथा समाप्त करने तथा दिल्ली, पंजाब और कर्नाटक की तर्ज पर हिमाचल सफाई आयोग गठित करने की मांग भी की गई।
संगठनों ने यह भी मांग की है कि भूमिहीन दलित परिवारों, विशेषकर बाल्मीकि समाज, को आवास योग्य भूमि प्रदान कर मालिकाना हक़ दिया जाए , शहरी ढारों को नियमित करने के लिए नीति बनाई जाए। वहीं अल्पसंख्यक समुदायों पर धर्म के आधार पर हो रहे भेदभाव और हमलों पर तत्काल रोक लगाने तथा सांप्रदायिकता फैलाने वाले व्यक्तियों व संगठनों पर कड़ी कार्रवाई करने की भी अपील की गई। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हिमाचल को प्रगतिशील राज्य कहा जाता है, पर दलित समाज की सुरक्षा अब भी सुनिश्चित नहीं है। यदि सरकार ने इस मांग-पत्र पर जल्द कार्रवाई नहीं की, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और व्यापक व तीव्र रूप लेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा



