त्रिलोके कौल की कला विरासत पर जम्मू में विशेष सम्मेलन आयोजित

त्रिलोके कौल की कला विरासत पर जम्मू में विशेष सम्मेलन आयोजित


जम्मू, 19 नवंबर । जम्मू एवं कश्मीर रचनात्मक कला केंद्र (जेकेसीसीए) द्वारा संगीत एवं ललित कला संस्थान (आईएमएफए), जम्मू विश्वविद्यालय के सहयोग से वरिष्ठ कलाकार स्वर्गीय त्रिलोक कौल के जीवन एवं उनके महत्वपूर्ण योगदान पर एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। आईएमएफए परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव उमेश शर्मा, वरिष्ठ कलाकार गोकेल डेम्बी तथा जेकेसीसीए अध्यक्ष पंडित केवल के. शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में त्रिलोक कौल की पुत्री वीना कौल, कला इतिहासकार डॉ. ललित गुप्ता, जेकेसीसीए के वरिष्ठ सलाहकार जंग एस. वर्मन सहित कई गणमान्य लोग और छात्र बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इस अवसर पर त्रिलोक कौल के जीवन एवं रचनात्मक यात्रा पर आधारित एक ब्रोशर का भी विमोचन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत जेकेसीसीए निदेशक ओ.पी. शर्मा के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने संस्था द्वारा दृश्य, साहित्यिक और प्रदर्शन कला के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि केंद्र ने हाल ही में अपनी रजत जयंती मनाई है और लगभग हर महीने कला-संस्कृति आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कला इतिहासकार डॉ. ललित गुप्ता ने जम्मू-कश्मीर में आधुनिक कला आंदोलन के उदय और विकास पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि त्रिलोक कौल प्रदेश में कला गतिविधियों की धुरी रहे तथा उन्होंने स्थानीय कला को बाहरी दुनिया से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि मुंबई के प्रगतिशील कलाकार समूह की तर्ज पर कश्मीर में ‘प्रगतिशील कलाकार संघ’ का गठन भी कौल की पहल से ही संभव हुआ। प्रस्तुति में कौल की कलाकृतियों के चित्रों का स्लाइड शो भी शामिल था।

मुख्य अतिथि उमेश शर्मा ने क्षेत्रीय कला परिदृश्य पर अपने विचार व्यक्त करते हुए त्रिलोक कौल के योगदान को प्रेरणादायक बताया और इस आयोजन की सराहना की। जेकेसीसीए अध्यक्ष पंडित केवल के. शर्मा ने युवा पीढ़ी से प्रदेश के महान कलाकारों से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। वरिष्ठ कलाकार गोकेल डेम्बी ने भी कौल को श्रद्धांजलि दी।

   

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