शिक्षा से ही समाज और राष्ट्र का विकास संभव : संदीप सिंह

लखनऊ, 05 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में असाक्षरों को शिक्षा की लौ से जोड़ने और साक्षरता को जन आंदोलन का रूप देने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय 'उल्लास मेला' का आयोजन बुधवार को हुआ। राज्य संसाधन केंद्र व इंडिया लिट्रेसी बोर्ड, लखनऊ के परिसर में आयोजित इस मेले का शुभारंभ बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने किया। कार्यक्रम के दौरान यह बताया गया कि नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत अब तक 13 लाख असाक्षरों और 1.50 लाख वालंटियर्स का चिह्नांकन किया जा चुका है। इनमें से 5 लाख से अधिक असाक्षरों को साक्षर बनाया जा चुका है। इस कार्यक्रम में 15+ वयस्क वर्ग के दो नव साक्षरों में सुजाता और भोपाल ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि शिक्षा ने उनके जीवन में कैसे बदलाव लाए हैं।

साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा निदेशालय, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित इस मेले में आए लोगों व प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि और मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षा से ही व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की प्रगति संभव है। असाक्षर व्यक्ति न तो अपनी बात स्पष्ट रूप से रख पाता है और न ही केंद्र एवं राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ उठा पाता है। इसलिए, हर नागरिक को शिक्षित करना हमारी प्राथमिकता है।इस दौरान महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा, इंडिया लिट्रेसी बोर्ड की निदेशक संध्या तिवारी, साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा निदेशक भगवती सिंह, एससीईआरटी निदेशक गणेश कुमार, बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की अवर सचिव विद्यावती आदि उपस्थित रहे। चल रहीं विभिन्न गतिविधियों का हुआ प्रदर्शन

प्रदेश के विभिन्न मंडलों की भागीदारी वाले इस मेले में नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत चल रही विभिन्न गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया। इनमें शैक्षिक नवाचार, डिजिटल लर्निंग टूल्स, आधारभूत शिक्षा कार्यक्रम, वयस्कों के लिए विशेष पाठ्यक्रम और साक्षरता बढ़ाने के लिए अपनाए जा रहे नवीन तरीकों को शामिल किया गया। स्टॉलों में शिक्षण सामग्री, पोस्टर, चित्रात्मक प्रदर्शनी, ऑडियो-विजुअल प्रस्तुतियां और वाल पेंटिंग्स के माध्यम से यह दर्शाया गया कि किस प्रकार असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है।

मंडलों से आए प्रतिनिधियों ने साझा किए विचार

मेले में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों ने अपने-अपने मंडलों में किए जा रहे प्रयासों को साझा किया और नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के प्रभाव, चुनौतियों और आगे की कार्ययोजना पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान, उपस्थित अधिकारियों और अतिथियों ने साक्षरता अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपने सुझाव भी दिए, जिससे यह अभियान न केवल प्रदेश में बल्कि पूरे देश में एक सफल मॉडल बन सके। बता दें कि इस आयोजन के जरिए साक्षरता अभियान को और अधिक गति देने पर जोर दिया गया है। योगी सरकार द्वारा 'उल्लास मेला' जैसे आयोजनों से जनभागीदारी बढ़ाने और साक्षरता को जन आंदोलन बनाने की कोशिशें की जा रहीं हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय

   

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