हिसार : दयानंद कॉलेज के विद्यार्थियों ने किया एकीकृत कृषि प्रणाली का शैक्षिक भ्रमण

कॉलेज के प्राणी विभाग ने टिकाऊ खेती की नई दिशा

के तहत करवाया भ्रमण

हिसार, 4 अप्रैल (हि.स.)। यहां के दयानंद कॉलेज

के बीएससी तृतीय वर्ष के मेडिकल एवं बायोटेक्नोलॉजी के छात्रों ने एकीकृत कृषि प्रणाली

(इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम) का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने के लिए हरियाणा कृषि

विश्वविद्यालय के सस्य विज्ञान विभाग के तहत एकीकृत कृषि प्रणाली इकाई का भ्रमण किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विक्रमजीत सिंह

ने शुक्रवार काे बताया कि एकीकृत कृषि प्रणाली टिकाऊ खेती का एक बेहतरीन मॉडल है जिससे उत्पादन और

पर्यावरण सुरक्षा में सुधार होता है। विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि

एक ही जगह पर कई तरह की खेती जैसे की फसल उत्पादन, पशुपालन, मछली पालन आदि करने से

उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होती है।

इससे संसाधनों की बर्बादी कम होती है। विशेषज्ञ डॉ आरएस दादरवाल ने बताया कि एकीकृत

कृषि प्रणाली न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करती है बल्कि पर्यावरण संतुलन में

भी सहायक होती है।

अर्थशास्त्र विशेषज्ञ डॉ. कविता ने इस भ्रमण के

दौरान छात्रों को एकीकृत खेती प्रणाली के अंतर्गत होने वाले व्यय तथा लाभ के बारे में

विस्तृत जानकारी दी। इस भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने फसल उत्पादन, पशुपालन, मत्स्य

पालन, बागवानी और कृषि अपशिष्ट प्रबंधन के बीच तालमेल को समझा। यह एक टिकाऊ और अत्यधिक

उत्पादक खेती है जो किसानों की आय को दोगुना करने, गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण

आदि जैसे अन्य सामाजिक उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करती है। छात्रों को एकीकृत

कृषि प्रणाली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया और उनके सवालों के समाधान भी प्राप्त

किए गए। यह भ्रमण प्राणी विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर

डॉ. मीनाक्षी गुप्ता के नेतृत्व में किया गया। इसमें डॉ. रतीश चंद मिश्रा व प्रयोगशाला

सहायक ललित शर्मा ने अपना सहयोग दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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