प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम कुरहुआ में कोल्ड फागिंग का ट्रायल सफल
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- Apr 02, 2025

वाराणसी, 02 अप्रैल (हि.स.)। मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम और संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल के निर्देशन में कोल्ड फागिंग तकनीक को प्रभावी बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसके अतंर्गत जिले की ग्राम पंचायतों और वार्डों में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने ब्लॉक काशी विद्यापीठ के प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम कुरहुआ में कोल्ड फागिंग का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण पंचायत भवन और इसके आसपास के रिहायसी क्षेत्रों में एडीओ पंचायत तथा पंचायत सचिव की उपस्थिति में किया गया। विशेष रूप से डेंगू के संचरण काल (जुलाई से नवंबर) के दौरान, जब केस बेस्ड एक्टिविटी होती है, इस तकनीक का प्रयोग 45 घरों में रोगी के घर के आसपास किया जाएगा। भविष्य में इसे कुछ संवेदनशील ग्राम पंचायतों में भी प्रयोग किया जाएगा, जिससे मच्छरजनित बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण मिल सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी के अनुसार कोल्ड फागिंग तकनीक में थर्मल फागिंग की तुलना में डीजल का उपयोग नहीं किया जाता। जबकि थर्मल फागिंग में डीजल के साथ धुआं उत्पन्न किया जाता है। कोल्ड फागिंग में पानी के साथ कीटनाशक का मिश्रण प्रयोग किया जाता है जिससे धुआं नहीं बल्कि मिस्ट (कोहरे) का निर्माण होता है। इस तकनीक के माध्यम से मच्छरों पर नियंत्रण पाया जाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय ने बताया कि परंपरागत डीजल आधारित फॉगिंग से होने वाले वातावरणीय प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए जल आधारित कोल्ड फागिंग की अवधारणा को लागू किया गया है। इसका मुख्य लाभ यह है कि यह तकनीक धुआं रहित है, जिससे न केवल पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि इसका मानव स्वास्थ्य पर भी कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी