पार्थ चटर्जी, सुजॉयकृष्ण भद्र और अन्य के खिलाफ तय हो चुके हैं सारे आरोप, अब पूरी होगी सुनवाई
- Admin Admin
- Jan 07, 2025
कोलकाता, 7 जनवरी (हि.स.) । पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी, सुजॉयकृष्ण भद्र, माणिक भट्टाचार्य और अन्य के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। कोलकाता की विशेष अदालत में सोमवार को आरोप तय करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब इनके खिलाफ कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू होगी
विशेष अदालत के जज शुभेंदु साहा ने पार्थ चटर्जी से पूछा, क्या आप दोषी हैं? पार्थ ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा, मुझ पर लगाए गए सभी आरोप काल्पनिक हैं। मैं अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करूंगा। इसके बाद जज ने कहा, अदालत बिना सबूतों के चार्जशीट स्वीकार नहीं करती। आपकी टिप्पणी अदालत की अवमानना है।
माणिक भट्टाचार्य, जो प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व प्रमुख थे, ने भी खुद को निर्दोष बताया। जब माणिक ने जोर देकर बयान देने की कोशिश की, तो जज ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह चुप नहीं रहे तो उन्हें अदालत कक्ष से बाहर भेज दिया जाएगा।
चार्जशीट में क्या है आरोप?
ईडी के अनुसार, पार्थ चटर्जी और अन्य आरोपियों ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में घोटाला किया। अयोग्य उम्मीदवारों को भर्ती करने के बदले मोटी रकम वसूली गई। आरोप है कि यह रकम पार्थ और उनके सहयोगियों के परिवार के खातों में जमा की गई।
माणिक भट्टाचार्य पर प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए करोड़ों की अवैध कमाई का आरोप है।
सुजॉयकृष्ण भद्र के कार्यालय और उनके संपर्कों का इस्तेमाल इस घोटाले में हुआ।
शांतनु बंद्योपाध्याय, अयन शील और संतु गांगुली पर भी भर्ती घोटाले में शामिल होने के आरोप हैं।
-----
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर तक चार्जशीट दाखिल करने का आदेश दिया था। हालांकि, सुजॉयकृष्ण भद्र की तबीयत खराब होने के कारण यह प्रक्रिया कुछ दिनों के लिए टल गई थी। भद्र को अस्पताल से वर्चुअल पेशी के माध्यम से अदालत में लाया गया।
-------
क्या है मामला?
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले का यह मामला 2022 में उजागर हुआ था। ईडी और सीबीआई ने छापेमारी के दौरान पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के आवास से करोड़ों रुपये बरामद किए थे।
कोर्ट ने सभी आरोपितों को आरोपों का जवाब देने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई में सभी सबूतों और गवाहों की जांच होगी। आरोपितों के खिलाफ जांच एजेंसियों के साक्ष्य मामले को निर्णायक मोड़ पर ले जा सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर