सेवानिवृत्ति से तीन दिन पहले हिसार के जिला शिक्षा अधिकारी भ्रष्टाचार मामले में निलंबित
- Admin Admin
- Mar 27, 2025

स्कूलों को मान्यता देने की फाइल निकालने में रिश्वत मांगने का आरोप
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तक पहुंच गई थी रिश्वत मांगने की ऑडियो
हिसार, 27 मार्च (हि.स.)। भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में कड़ी कार्रवाई करते
हुए शिक्षा विभाग ने यहां के जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप नरवाल को सस्पेंड कर दिया
है। निलंबन अवधि के दौरान वे मुख्यालय में सेवाएं देंगे। उनके स्थान पर सिरसा के जिला
शिक्षा अधिकारी वेदप्रकाश को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। खास बात यह है कि प्रदीप
नरवाल चार दिन 31 मार्च को ही रिटायर होने वाले थे।
विभागीय आदेशों के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप नरवाल को भ्रष्टाचार
से जुड़े मामले में सस्पेंड किया गया है। उन पर आरोप था कि वह स्कूलों को मान्यता देने
के एवज में स्कूल प्रबंधकों से रिश्वत मांग रहे थे। एक स्कूल से जब रिश्वत नहीं मिली
तो उन्होंने 29 कमरों के स्कूल को 18 कमरों का दिखाया। यह स्कूल किसी आरएसएस नेता का
था। बताया जा रहा है कि यह बात मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तक भी पहुंच गई और इसके
बाद डीईओ पर कार्रवाई हुई।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के पास दो दिन पहले प्राइवेट स्कूलों
का एक प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था। इस दौरान बताया गया कि हिसार का जिला शिक्षा अधिकारी
स्कूलों को मान्यता देने की एवज में रिश्वत मांग रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त
अधिकारी मान्यता देने के लिए हर स्कूल से 12 लाख रुपये की डिमांड कर रहा था। मामले
ने तब तूल पकड़ा जब एक आरएसएस से जुड़े स्कूल संचालक से डीईओ ने स्कूल अपग्रेड की मान्यता
के बदले 12 लाख रुपये की डिमांड की। जब आरएसएस नेता ने पैसा नहीं दिया तो स्कूल में
कमी निकालकर उसकी मान्यता रद्द कर दी।
बताया जा रहा है कि संगठन के माध्यम से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को यह बताया
गया कि प्राइवेट स्कूल ने 12वीं तक मान्यता के लिए अप्लाई किया हुआ था। नियमानुसार
मान्यता के पूरे मापदंड अपनाए हुए थे। 12वीं तक मान्यता के लिए 22 कमरों का स्कूल होना
चाहिए जबकि, स्कूल में 29 कमरे थे। जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल का निरीक्षण करने
की तारीख 25 जून 2024 तय की, लेकिन उक्त अधिकारी एक दिन पहले ही 24 जून को निरीक्षण
करने स्कूल पहुंच गया और स्कूल की रिपोर्ट नेगेटिव दिखा दी। इतना ही नहीं, 29 कमरे
के स्कूल को 18 कमरों का कागजों में दिखा दिया।
आरोप यह भी है कि हिसार के जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप नरवाल ने ऐसे स्कूलों
को रिश्वत लेकर मान्यता दे दी जो मापदंड कहीं से पूरे नहीं करते थे। प्रतिनिधिमंडल
ने एक ऑडियो भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
को दिया, जिसमें उक्त अधिकारी पैसे मांग रहा है। जिस स्कूल संचालक की ऑडियो मुख्यमंत्री
को सौंपी गई, उस स्कूल संचालक ने भी डीईओ को रिश्वत दी थी। यह ऑडियो मुख्यमंत्री नायब
सैनी के पास पहुंच गई, जिसके बाद उन्होंने दो दिन के अंदर ही डीईओ को सस्पेंड करके
मामले की विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए।
अभी नहीं मिले आदेश : नरवाल
उधर, इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप नरवाल का कहना है कि अभी तक
उनके पास निलंबन के आदेश नहीं आए हैं। चार दिन बाद 31 मार्च को उनकी रिटायरमेंट है
और 20 मार्च को ही रिटायरमेंट बारे पत्र आ गया था।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर