बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की धमकी के बाद विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा कड़ी, केंद्र और राज्य सरकार ने मिलाया हाथ
- Admin Admin
- Dec 28, 2024
कोलकाता, 28 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्षी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के खिलाफ मुखर होकर विरोध करने के कारण कट्टरपंथी ताकतों ने शुभेंदु की हत्या की साजिश रची है। इस सूचना के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा के इंतजाम को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुभेंदु अधिकारी पर संभावित हमले की जानकारी उनके कार्यालय और राज्य सरकार के गृह विभाग को भेजी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जिनके पास राज्य के पुलिस और गृह विभाग का प्रभार है, को भी इस विषय में जानकारी दी गई है। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार मिलकर शुभेंदु की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठा रहे हैं।
शुभेंदु वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई ‘जेड प्लस’ सुरक्षा श्रेणी में आते हैं। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में उनकी सुरक्षा में बदलाव किया जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत उनके काफिले में सशस्त्र बलों के 22 जवान तैनात किए जाएंगे। उनके लिए बुलेटप्रूफ वाहन का भी प्रबंध किया जा सकता है, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में उनके कार्यक्रमों के दौरान।
अब से शुभेंदु जहां भी कार्यक्रम में जाएंगे, वहां की स्थानीय जानकारी केंद्र सरकार राज्य प्रशासन से लेगी। यदि अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता होगी, तो उसे राज्य पुलिस द्वारा प्रदान किया जाएगा। नवान्न के एक अधिकारी ने बताया कि इस मुद्दे पर राज्य पुलिस के शीर्ष अधिकारियों और केंद्रीय गृह मंत्रालय के बीच चर्चा हो चुकी है।
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सुरक्षा के नए प्रोटोकॉल
शुभेंदु के कार्यक्रमों में उनके साथ फोटो खिंचवाने वाले लोगों की पहले जांच की जाएगी। उनके सुरक्षाकर्मी यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई व्यक्ति हथियार या अन्य संदिग्ध वस्तु न ले जाए। इसके बाद ही फोटो लेने की अनुमति दी जाएगी।
इस पूरे मामले पर शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि नंदीग्राम आंदोलन के समय मुझ पर हमले हुए थे। पिछले कुछ वर्षों में भी ऐसा हुआ है। लेकिन मैंने आम लोगों से मिलना कभी बंद नहीं किया और न ही करूंगा। मैं लोगों के लिए राजनीति करता हूं और किसी भी धमकी से डरने वाला नहीं हूं।
राज्य सरकार ने केंद्र को भरोसा दिलाया है कि शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो भी सहायता केंद्र मांगेगा, वह प्रदान की जाएगी। राज्य प्रशासन भी समझता है कि यदि विपक्षी नेता पर हमला होता है, तो राज्य की कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इसी कारण नवान्न ने इस मुद्दे पर केंद्र के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। केंद्र और राज्य के बीच इस समन्वय से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके और शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा पुख्ता हो।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर