गणशक्ति में ममता की तस्वीर पर शुभेंदु का तंज, सीपीएम बोली– यह विज्ञापन है, खबर नहीं

कोलकाता, 13 मई (हि.स.) । विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक बार फिर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम के बीच संभावित समीकरणों पर निशाना साधा है। इस बार उन्होंने सीपीएम के मुखपत्र गणशक्ति में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर वाले एक विज्ञापन को आधार बनाकर कटाक्ष किया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वाम मोर्चा और तृणमूल के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं?

सोमवार को शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया पर गणशक्ति की पहली पृष्ठ की एक तस्वीर साझा की, जिसमें एक निजी शिक्षण संस्था के विज्ञापन में ममता बनर्जी की तस्वीर छपी थी। इस विज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि ममता बनर्जी उस संस्था के एक नए मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर का उद्घाटन करेंगी। शुभेंदु ने इसे लेकर लिखा, पंचायत चुनाव में हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या हुई, फिर भी कास्ते-हथौड़े-तारा (सीपीएम का प्रतीक) अब घासफूल (तृणमूल का प्रतीक) पर मोहित हैं! उन्होंने एक अन्य तस्वीर भी साझा की जिसमें दिल्ली में मणिपुर हिंसा के विरोध में तृणमूल सांसद सौगत रॉय और सीपीएम राज्यसभा सांसद बिकाश रंजन भट्टाचार्य साथ नजर आ रहे हैं।

शुभेंदु अधिकारी के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए सीपीएम नेता सुजन चक्रवर्ती ने स्पष्ट किया कि गणशक्ति में प्रकाशित विज्ञापन पूरी तरह से एक निजी संस्था का है और उसका पार्टी की नीतियों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, गणशक्ति एक स्वतंत्र पत्रिका है और यह तृणमूल सरकार से विज्ञापन नहीं लेती। जब शुभेंदु खुद मंत्री थे, तब भी नहीं लेती थी। विज्ञापन और खबर में फर्क होता है। इस विज्ञापन के लिए पैसे दिए गए हैं, इसलिए जगह दी गई है।

सुजन चक्रवर्ती ने आगे कहा कि इससे पहले भी गणशक्ति में नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले केंद्र सरकार के विज्ञापन छपे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, शुभेंदु अधिकारी शायद विज्ञापन और खबर के बीच का अंतर नहीं समझते। अगर कोई विज्ञापन सामाजिक मर्यादाओं के खिलाफ नहीं है, तो हम उसे छापने में कोई भेदभाव नहीं करते। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि राज्य सरकार का कोई विज्ञापन आता और उसमें मुख्यमंत्री की तस्वीर होती, तब भी उसे छापा जाता क्योंकि यह विज्ञापन संबंधी नियमों के तहत आता है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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