स्वामी विवेकानंद के विचारों ने संपूर्ण विश्व को किया प्रेरित – प्रो अल्पना कटेजा
- Admin Admin
- Jan 12, 2025
अजमेर,12 जनवरी(हि.स.)।“हम भारतवासियों को 9/11 की दिनांक आतंकी हमले की याद दिलाती है, जबकि इस दिनांक को हमे विवेकानंद जी के शिकागो मे हुए उदबोधन से जोड़ कर देखना चाहिए, क्योकि हम विनाश की नहीं सृजन की बात करते है। शिकागो के इस भाषण ने भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई थी। स्वामी विवेकानंद ने धर्म के साथ साथ राष्ट्र सेवा भी की। स्वामी विवेकानंद जी के कई उद्धरण इस बात का प्रमाण है कि उन्होने देश और समाज के करोड़ों – करोड़ों लोगों को प्रेरणा दी है।“
यह बात राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो अल्पना कटेजा ने स्वामी विवेकानंद जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर राजस्थान केंद्रीय विश्विद्यालय में आयोजित वार्षिक खेल और सांस्कृतिक उत्सव- सृजन 2024-25 के उद्घाटन समारोह में कही।
प्रो कटेजा ने आगे कहा कि स्वामीजी की स्मरण शक्ति अद्वितीय थी, उन्हे रामायण और महाभारत कंठस्थ थी, वह एक से अधिक जगहों पर अपना फोकस रख सकते थे। अब्दुल कलाम भी अपना गुरु विवेकानंद जी को मनाते थे। स्वामी विवेकानंद की फोटो क्रांतिकारियों के पास भी मिलती थी, स्वामी विवेकानंद युवाओं के साथ साथ सभी वर्गों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
प्रो कटेजा ने सभी से यह बात भी साझा की कि रवीन्द्रनाथ टैगौर ने स्वामी विवेकानंद के बारे में कहा था कि भारत को जानने के लिए विवेकानंद को पढ़ना आवश्यक है, महात्मा गांधी ने भी कहा था कि विवेकानंद को पढ़ने के बाद मेरी भक्ति हजार गुना बढ़ गई। इस प्रकार हम कह सकते हैं स्वामी विवेकानंद ने संपूर्ण विश्व के लोगों को प्रेरित किया था। स्वामीजी कर्मयोग को अधिक महत्व देते थे, नारी का सम्मान करना, सच बोलना यह स्वामीजी के संदेश थे। वर्तमान समय मे युवाओं के लिए यह आवश्यक है कि वह स्वामीजी के विचारों से प्रेरित होकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति करें।
राजस्थान केंद्रीय विश्विद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने अपने संदेश में कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओ के लिए प्रेरणा स्त्रोत थे, स्वामी जी के विचार और शिक्षा युवाओं को नवीन ऊंचाइयों तक ले जाने वाले है। यह दिवस हमे स्वामी जी के विचारों और आदर्शों को आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है।
इसी कड़ी मे डीन अकादमिक प्रो डीसी शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद न केवल एक महान आध्यात्मिक नेता थे, बल्कि एक दूरदर्शी, राष्ट्रवादी, समाज सुधारक और राजनीति के क्षेत्र में एक सशक्त विचारक भी थे। स्वामी विवेकानंद जी का संदेश था कि युवा शक्ति मे अपार सामर्थ्य है और अगर सही दिशा मे प्रयास किया जाए तो वे समाज और देश को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते है। प्रो शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचारों मे वेदान्त का महत्वपूर्ण स्थान था, जिसमें आत्मा की अजर–अमरता और ब्रह्म के साथ एकात्मता की बात की गई है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / संतोष