रिमझिम इस्पतात फैक्ट्री पर आईटी डिपार्टमेंट का कसा शिकंजा

करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी के अहम दस्तावेज आईटी टीम के लगे हाथछह दिनों से जारी है रिमझिम इस्पात लिमिटेड में आयकर विभाग की छापेमारी हमीरपुर, 03 दिसम्बर (हि.स.)। हमीरपुर जिले की औद्योगिक नगरी में रिमझिम इस्पात फैक्ट्री पर अब आईटी डिपार्टमेंट का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। यहां पिछले छह दिनों से चल रही छापेमारी में करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी के अहम दस्तावेज आईटी टीम के हाथ लगे है। फैक्ट्री के तमाम मैनेजरों और निदेशक से टीमें अलग-अलग पूछताछ करने में जुटी है। आईटी की इस कार्रवाई से फैक्ट्री में प्रोडक्शन का काम पूरी तरह से ठप हो जाने से हजारों वर्कर टेंशन में है। फैक्ट्री के बाहर कच्चा माल और स्क्रिैप से लदे सैकड़ों ट्रकों की लम्बी कतारें लग गई है। उनके ड्राईवर माल न उतरने से परेशान है।

बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के सुमेरपुर कस्बे की औद्योगिक नगरी में संचालित रिमझिम इस्पात लिमिटेड कंपनी में 27 नवम्बर 2024 की रात करीब ग्यारह बजे लखनऊ से आई आयकर विभाग की कई टीमों ने छापेमारी शुरू की थी जो आज भी जारी है। छापेमारी के कारण काम करने वाले बड़ी संख्या में वर्कर फैक्ट्री के अंदर नहीं जा पा रहे है। फैक्ट्री में उत्पादन का काम पूरी तरह से ठप पड़ गया है। वर्करों के सामने रोजी रोटी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। पिछले दिनों आईटी डिपार्टमेंट की एक और टीम दिल्ली से आकर इस फैक्ट्री में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान फैक्ट्री के अंदर और बाहर पीएसी और अन्य सुरक्षा बल मुस्तैद होने से कोई भी फैक्ट्री के अंदर नहीं जा पा रहा है। आईटी डिपार्टमेंट की टीमों ने डाटा रिकवर करने के लिए विशेषज्ञों की टीम भी बुलवा रखी है जो लगातार जांच कर रही है। टीम के अधिकारियों ने फैक्ट्री के आवासीय कालोनी से ठेकेदार ओपी द्विवेदी और उसके पुत्र अखिलेश द्विवेदी को हिरासत में लेकर कई घंटे तक पूछताछ की। बाद में दोनों को छोड़ दिया गया। ठेकेदार ने बताया कि उनके कार्यों के बारे में जानकारी टीम ने मांगी थी। जिसे उपलब्ध करा दी गई है। बता दें कि वर्ष 2016 में भी छापामार कार्रवाई में रिमझमि इस्पात फैक्ट्री में सात सौ बीस करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ गई थी। जिसमें कंपनी के निदेशक योगेश अग्रवाल को 59 दिनों तक जेल में कैद रहना पड़ा था।

आठ साल पहले छापेमारी में सीज एक फैक्ट्री जांच में मिली चालूआयकर विभाग की टीमें पिछले छह दिनों से रिमझिम इस्पात फैक्ट्री में रिकार्ड खंगालने में जुटी है। छापेमारी में टीम के अधिकारी वर्ष 2016 में रेड के दौरान सीज हुई जूही एलायज फैक्ट्री चालू मिलने पर हैरत में पड़ गए है। यहां से भारी मात्रा में दस्तावेज बरामद किए गए है। सूत्रों की माने तो तीन दशक पहले दिवालिया घोषित हुई वंदना स्टील फैक्ट्री के नाम से कारोबार होने के आधा ट्रक रिकार्ड भी मिले है। जो जांच टीम के लिए बहुत ही अहम है।

कंपनी के निदेशकों व मैनेजरों से भी कई टीमें लगातार कर रही पूछताछरिमझिम इस्पात फैक्ट्री में सात निदेशक है जिनमें योगेश अग्रवाल छापेमारी के दौरान चोर दरवाजे से फरार हो गया है। इसकी टीमें लगातार तलाश कर रही है। कंपनी के निदेशकों और मैनेजरों से भी टीमें अलग-अलग चार घंटे तक पूछताछ की। इन सभी को पूछताछ के बाद भी कंपनी से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस कंपनी में टैक्स चोरी का बड़ा खेल चल रहा है जिसके खुलासे के लिए लगातार जांच करने में टीमें जुटी है।

फैक्ट्री के बाहर कच्चा माल से लदे ट्रकों का लगा मेला, चालक परेशानपिछले छह दिनों से लगातार रिमझिम इस्पात लिमिटेड कंपनी में आईटी की चल रही छापेमारी से वर्करों के साथ अब कच्चा माल लेकर यहां आए सैकड़ों ट्रक चालक परेशान है। मजदूर कमलेश, शिवकुमार व रामआसरे समेत तमाम लोगों ने बताया कि फैक्ट्री बंद होने से मजदूरी के लाले पड़ गए है। ट्रक चालक गोरेलाल व राजेन्द्र सिंह ने बताया कि बंगाल से मैग्नेट लादकर यहां आए ट्रक कई दिनों से खड़े होने के कारण मालिक को बड़ा नुकसान हो रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा

   

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