प्राथमिक टीईटी परीक्षा रद्द, कानूनी जटिलताओं और नियुक्ति में देरी को बताया गया कारण

कोलकाता, 28 अक्टूबर (हि.स.) । प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए इस साल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) परीक्षा नहीं होगी। सोमवार को यह घोषणा पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा परिषद ने की। पिछले दो वर्षों में टीईटी परीक्षा आयोजित होने के बाद, इस साल कानूनी जटिलताओं और पूर्व उत्तीर्ण उम्मीदवारों की नियुक्ति में देरी को इसका कारण बताया गया है। परिषद के अध्यक्ष गौतम पाल ने कहा कि अगले छह महीनों के भीतर यह परीक्षा आयोजित की जाएगी।

गौतम पाल ने बताया, अदालत ने नियमित टीईटी परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया है और हम इस आदेश का पालन करेंगे। इस साल देरी हो रही है, लेकिन अगले छह महीनों के भीतर परीक्षा आयोजित की जाएगी।

2022 और 2023 में प्राथमिक शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा आयोजित की गई थी। नियमों के अनुसार, 2024 की परीक्षा दिसंबर में होनी थी, लेकिन इसे कानूनी जटिलताओं के कारण टाल दिया गया है। पाल ने कहा, 2022 में मेरे कार्यभार संभालने के बाद मेरी प्राथमिकता हर साल टीईटी आयोजित करना था। हमने दो वर्षों तक इसे सफलतापूर्वक किया, लेकिन इन दो वर्षों में उत्तीर्ण हुए उम्मीदवारों की नियुक्ति कानूनी अड़चनों की वजह से अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। इसी कारण इस साल टीईटी नहीं हो रही है, लेकिन इसे कुछ महीनों में आयोजित किया जाएगा।

2022 की टीईटी परीक्षा पांच साल के अंतराल के बाद आयोजित की गई थी, जिसमें करीब सात लाख परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था और लगभग 1.5 लाख उम्मीदवार सफल हुए थे। इसके बाद, 2023 में 24 दिसंबर को दूसरी टीईटी परीक्षा हुई थी, जिसमें तीन लाख नौ हजार 54 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया था, लेकिन केवल दो‌ लाख 72 हजार लोग परीक्षा में शामिल हुए थे। हालांकि, परीक्षा के एक साल बाद भी परिणाम घोषित नहीं हो पाया है। गौतम पाल ने कहा, कई कानूनी अड़चनें हैं, जिन्हें हल करके हम जल्द ही परिणाम घोषित करेंगे। हम पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं।

इस बीच, टीईटी परीक्षा न होने से डीएलएड पास उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि होना स्वाभाविक है। लेकिन परिषद अध्यक्ष ने भरोसा दिलाया कि अगले छह महीनों के भीतर प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी परीक्षा जरूर आयोजित की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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