आधुनिक कानूनी क्षेत्र में तकनीकी एवं वैश्विक विषयों की समझ आवश्यक : डॉ दक्षा शर्मा
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- Apr 29, 2025

-भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, सफलता का पुल हैः डॉ. कुंवर शेखर
प्रयागराज, 29 अप्रैल (हि.स.)। केंद्रीय विद्यालय इफको फूलपुर में तरुणोत्सव 2025 कार्यक्रम के द्वितीय दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साउथ एशियन यूनिवर्सिटी, दिल्ली के विधि अध्ययन संकाय में सहायक प्रोफेसर डॉ. दक्षा शर्मा तथा यूनाइटेड विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कला संकाय अंग्रेजी साहित्य के सहायक प्रो. डॉ. कुंवर शेखर गुप्ता प्रमुख वक्ता रहे।
मंगलवार को आयोजित संगोष्ठी का शुभारम्भ विद्यालय के प्रधानाचार्य दुर्गा दत्त पाठक ने किया। संगोष्ठी के प्रथम सत्र को ऑनलाइन माध्यम से सम्बोधित करते हुए डॉ.दक्षा शर्मा, दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय, विधि अध्ययन संकाय की सहायक प्रोफेसर ने विद्यार्थियों को विधि के क्षेत्र में उपलब्ध कैरियर विकल्पों पर जानकारी दी। उन्होंने वकालत, कॉर्पोरेट कानून, बौद्धिक सम्पदा अधिकार, साइबर कानून, अंतरराष्ट्रीय कानून और पर्यावरण कानून पर प्रकाश डाला। डॉ. शर्मा ने छात्रों को समझाया कि आधुनिक कानूनी क्षेत्र में तकनीकी और वैश्विक विषयों की समझ आवश्यक होती है।
संगोष्ठी के द्वितीय सत्र का आयोजन ऑफलाइन किया गया। इसके प्रमुख वक्ता डॉ. कुंवर शेखर गुप्ता, सहायक प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, यूनाइटेड यूनिवर्सिटी ने “आधुनिक समय की आवश्यकताओं के अनुसार अंग्रेजी भाषा कौशल को कैसे सुधारा जाए एवं भाषा कौशल से व्यक्तित्व को कैसे निखारा जाए“ विषय पर व्याख्यान दिया। छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने अंग्रेजी भाषा कौशल को निखारने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। कहा कि आज के आधुनिक युग में कोई भी व्यक्ति अधिक पढ़ने से बचने का प्रयास करता है। इसलिए हमारा प्रयास होना चाहिए कि कम शब्दों में अपनी बात को स्पष्ट, सटीक और आत्मविश्वास के साथ व्यक्त करें।
उन्होंने बताया कि भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक पुल की तरह कार्य करती है जो व्यक्ति को सफलता तक पहुँचाने में सहायक होती है। उन्होंने विद्यार्थियों को विभिन्न गतिविधियों एवं संस्मरणों के माध्यम से समझाने का प्रयास किया कि अंग्रेजी भाषा कौशल में दक्ष होने का एकमात्र तरीका यह है कि इसे अपने दैनिक क्रियाकलापों में शामिल करें। जितना अधिक भाषा के सम्पर्क में रहेंगे, उतनी ही शीघ्रता और सरलता से इस कौशल को विकसित कर सकते हैं। उन्होंने कहा यदि हम अपनी दिनचर्या की विषय-वस्तु को मातृभाषा में संग्रहीत करते हैं और फिर अंग्रेजी भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं, तो हम अपने को असफल पाते हैं। अतः अंग्रेजी भाषा में धारा प्रवाह सम्प्रेषण के लिए अंग्रेजी भाषा को हमें अपने दैनिक जीवन में शामिल करना पड़ेगा और अंग्रेजी भाषा में ही सोचने का प्रयास करना होगा।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने वक्ताओं से संवाद किया और अपने कैरियर सम्बंधी विचार साझा किए। अंत में प्रधानाचार्य डी. डी. पाठक ने धन्यवाद ज्ञापित किया और अतिथियों का अंगवस्त्र से स्वागत किया। कार्यक्रम के संयोजक सचिन कुमार राय रहे तथा संचालन प्रेम दीपक मिश्रा ने किया। इस अवसर पर केंद्रीय विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र