टीबी हारेगा, भारत जीतेगा: जिले में 811 मरीजों का इलाज जारी

किशनगंज,23मार्च(हि.स.)। हर साल 24 मार्च को मनाए जाने वाले ‘विश्व यक्ष्मा दिवस’ पर टीबी उन्मूलन के लिए जागरूकता फैलाने और इस बीमारी के खिलाफ सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देने का संदेश दिया जाता है। इस वर्ष की थीम टीबी को समाप्त करने के लिए एकजुटता है, जो वैश्विक स्तर पर टीबी के खिलाफ संयुक्त प्रयासों को प्रेरित करती है।

जिले में वर्तमान में 811 टीबी मरीज इलाजरत हैं, जबकि जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक कुल 1328 मरीजों की पहचान की गई थी। इस साल अब तक 450 नए मरीजों का चयन किया गया है और उनका इलाज सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में निशुल्क किया जा रहा है। रविवार को सिविल सर्जन डा. मंजर आलम ने बताया कि 1 अप्रैल 2024 से ‘निक्षय पोषण योजना’ के तहत 1259 मरीजों को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है, जिससे मरीजों को पौष्टिक आहार मिलने में मदद मिल रही है। पहले इस योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह की सहायता मिलती थी, जो अब बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति माह कर दी गई है।

इसका उद्देश्य टीबी मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार और इलाज की प्रक्रिया को तेज करना है। गौर करे कि भारत सरकार ने 2025 तक देश को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए जिले में लगातार टीबी स्क्रीनिंग कैंप, घर-घर सर्वे, फ्री डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। डा. मंजर आलम ने अपील की कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी, बलगम में खून, वजन कम होना या भूख न लगने जैसी समस्या हो, तो उसे तुरंत सरकारी अस्पताल में जांच करानी चाहिए। जिलाधिकारी विशाल राज ने आम जनता से अपील की कि वे टीबी उन्मूलन में सरकार के प्रयासों में सहयोग करें और ‘निक्षय मित्र’ योजना में भाग लेकर टीबी मरीजों की सहायता करें। उन्होंने कहा, टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि मरीज समय पर इलाज लें।

हिन्दुस्थान समाचार / धर्मेन्द्र सिंह

   

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