मुंबई, 30 नवंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र में अपनी विभिन्न मांगो को लेकर शिक्षकों ने 5 दिसंबर को आंदोलन की चेतावनी दी है। इससे राज्य के कई स्कूल बंद रहेंगे। टीचर्स और नॉन-टीचिंग स्टाफ के अलग-अलग संगठनों ने इस दिन पूरे राज्य में स्कूल बंद रखने का आह्वान किया है।
शिक्षकों की प्रमुख मांगों में टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) की अनिवार्यता रद्द करने, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, रेगुलर पे स्केल, स्टाफिंग अप्रूवल जैसी लंबित मांगें शामिल हैं। राज्य के सभी प्राइमरी, सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूल 5 दिसंबर को बंद रहेंगे। इसमें सरकारी, एडेड और प्राइवेट स्कूल शामिल हैं। टीचर हर जिले में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। अमरावती, भंडारा, कोल्हापुर, छत्रपति संभाजीनगर, नांदेड़ और पुणे में रैलियां निकाली जाएंगी। इस आंदोलन में महाराष्ट्र स्टेट प्राइमरी टीचर्स कमिटी, टीचर्स एंड नॉन-टीचिंग एम्प्लॉइज एसोसिएशन कोऑर्डिनेशन कमिटी, शिक्षा भारती, प्रिंसिपल्स एसोसिएशन और 100 से ज़्यादा दूसरे संगठन शामिल होंगे।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जेएम अभ्यंकर के अनुसार कई एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव के कारण 20 से 25 हजार और टीचर्स की कमी का खतरा है। इसका ग्रामीण और आदिवासी इलाकों के स्कूलों पर बड़ा असर पड़ेगा। सरकार के नए प्लान के मुताबिक 9 से 10 हजार स्कूलों में ज़ीरो या सिर्फ़ एक टीचर होने की संभावना है और 7 से 8 हज़ार स्कूलों में सिर्फ़ दो टीचर ही पूरा बोझ उठाएंगे। उन्होंने लगभग 18 हजार गांव के स्कूल और 25 से 30 नाइट स्कूल बंद होने की संभावना जताई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार



