लंबित मांगों को लेकर जीडीसी हीरानगर के अस्थाई प्रोफेसरों ने कलम बंद हड़ताल का किया समर्थन

कठुआ 20 जनवरी (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के सरकारी डिग्री कॉलेजों में शैक्षणिक व्यवस्था संकाय ने कलम बंद हड़ताल की। जिसमें जीडीसी हीरानगर के अस्थाई प्रोफेसरों ने भी कलम बंद हड़ताल का समर्थन किया। और लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने की मांग की गई, जिनमें सबसे प्रमुख वेतन वृद्धि है।

इसी क्रम में सरकारी डिग्री कॉलेज हीरानगर में पूरे शैक्षणिक व्यवस्था संकाय ने हड़ताल में भाग लिया और शिक्षा क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका की स्वीकृति के लिए अपनी आवाज उठाई। संकाय सदस्यों ने अपनी प्रमुख मांगों पर जोर दिया और सरकार से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया। जिसमें यूजीसी मानदंडों के अनुसार उचित नामकरण और मान्यता, पेशेवर सम्मान और उचित पदनाम सुनिश्चित करना, यूजीसी मानकों के अनुरूप उचित वेतनमान लागू करना, न्यूनतम वेतन 57,700 रुपये प्रतिमाह तय करना, शैक्षणिक व्यवस्था वाले शिक्षकों के लिए पूर्ण-सत्र कार्यकाल की गारंटी, स्थिरता और उचित कार्य स्थितियां प्रदान करना, संविदा व्याख्याताओं के लिए एक व्यापक नौकरी नीति, ताकि चल रही नौकरी की असुरक्षा को हल किया जा सके।

हड़ताली शिक्षकों ने पिछले चुनावों से पहले विभिन्न राजनीतिक नेताओं द्वारा किए गए अधूरे वादों पर भी अपनी निराशा व्यक्त की। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अन्य प्रमुख नेताओं ने चुनावी रैलियों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अक्सर उनके मुद्दों को उठाया था, और आश्वासन दिया था कि अगर वे चुनाव जीते तो उनकी मांगों को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित किया जाएगा। हालांकि, इन प्रतिबद्धताओं के बावजूद, वादे अधूरे रह गए हैं, जिससे शिक्षकों में निराशा और वित्तीय कठिनाई पैदा हो रही है। शिक्षकों ने जम्मू-कश्मीर सरकार, मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग से उनकी मांगों को पूरा करने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने की हार्दिक अपील की।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया

   

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