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जयपुर, 8 फ़रवरी (हि.स.)। औषधीय पादपों की गौ आधारित प्राकृतिक एवं व्यावसायिक कृषि का निशुल्क दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शनिवार को टोंक रोड सांगानेर स्थित श्री पिंजरापोल गौशाला के जैविक वन औषधीय पादप केंद्र में शुरू हुआ। इसमें प्रदेश के कई किसान और पशुपालक शामिल हुए। भगवान काल भैरव की पूजा-अर्चना के साथ शिविर का विधिवत उद्घाटन हुआ। अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयोजक तथा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस एग्रीकल्चर स्किल डवलपमेंट के चौयरमेन डॉ. अतुल गुप्ता ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि किसानों को खतरनाक रसायनों से खेती बंद कर गौ आधारित प्राकृतिक खेती का मॉडल अपनाना चाहिए। यह हमारे देश और प्रदेश का सर्व सुलभ मॉडल है। इससे किसानों की आय दोगुनी नहीं दस गुनी हो जाएगी। ऐसा हो रहा है। इसलिए किसान देसी नस्ल की गायों का पालन करें। यह नहीं समझे कि गाय को केवल दूध देने तक सीमित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बार-बार प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने की बात करते है। अनेक योजनाएं शुरू की है। किसान भाइयों को इसका लाभ उठाना चाहिए। मोनिका गुप्ता ने किसानों को औषधियों की व्यावसायिक खेती से लेकर सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता की जानकारी दी। अन्य विशेषज्ञ वक्ताओं ने खेती से जुड़ी समस्याएं, औषधियों की बिक्री सहित तमाम जानकारियां दी। प्रशिक्षण के दौरान किसानों ने औषधीय पादप केंद्र में चल रहे अनेक प्रकल्पों को भी देखा। रविवार को शिविर के अंतिम और दूसरे दिन किसानों से प्रश्नोत्तरी सत्र होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश