जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय ने बड़े उत्साह और राष्ट्रीय गौरव के साथ 76वां गणतंत्र दिवस मनाया
- Admin Admin
- Jan 26, 2025
जम्मू 26 जनवरी (हि.स.)। जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय ने रविवार को अपने परिसर में बड़े उत्साह और राष्ट्रीय गौरव के साथ 76वां गणतंत्र दिवस मनाया। समारोह की शुरुआत माननीय कुलपति प्रो. संजीव जैन द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ हुई जिसके बाद राष्ट्रगान गाया गया। अपने संबोधन में प्रो संजीव जैन ने गणतंत्र दिवस के महत्व पर विचार किया भारत की प्रगति और राष्ट्र की उन्नति में विश्वविद्यालय के योगदान को स्वीकार किया। उन्होंने विशेष रूप से देश में शिक्षा, अनुसंधान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभाव पर जोर दिया, नवाचार को आगे बढ़ाने में सीयू जम्मू की भूमिका को मान्यता दी।
कुलपति ने विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय उपलब्धियों को गर्व से साझा किया जिसमें बताया गया कि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की रिपोर्ट के अनुसार इसके छह संकाय सदस्यों को विश्व स्तर पर सबसे अधिक उद्धृत शोधकर्ताओं में शीर्ष 2 में मान्यता दी गई है। विश्वविद्यालय का शोध एच.इंडेक्स 21,000 से अधिक उद्धरणों के साथ प्रभावशाली 62 पर है। उन्होंने रसायन विज्ञान विभाग और भौतिकी विभाग द्वारा प्राप्त पर्याप्त अनुदानों का भी उल्लेख किया जिन्हें 2.2 करोड़ और 1.74 करोड़ का अनुदान प्राप्त हुआ है।
अपने भाषण में प्रो. जैन ने सीयू जम्मू के चल रहे बुनियादी ढाँचे के विकास के बारे में भी बात की जिसमें नए शैक्षणिक और आवासीय भवनों का निर्माण लगभग पूरा हो गया है जो जल्द ही परिसर के छात्रावासों में 1,200 छात्रों को समायोजित करेंगे। आगामी परियोजनाओं में एक सभागार, एक मानविकी ब्लॉक और एक इंजीनियरिंग ब्लॉक शामिल हैं। इसके अलावा कुलपति ने 250 छात्रों के लिए प्लेसमेंट की सुविधा के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों को रेखांकित किया जिसमें सबसे अधिक वार्षिक पैकेज 10.5 लाख की पेशकश की गई।
शोध को आगे बढ़ाने के लिए सीयू जम्मू की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए प्रो. जैन ने जम्मू और कश्मीर के पटनीटॉप में हिमालयन हाई एल्टीट्यूड एटमॉस्फेरिक एंड क्लाइमेट रिसर्च स्टेशन की स्थापना की घोषणा की। यह स्टेशन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से वायुमंडलीय और जलवायु विज्ञान में अनुसंधान को बढ़ावा देगा। कुलपति ने विश्वविद्यालय की भविष्य की योजनाओं को भी साझा किया जिसमें कौशल विकास और रोजगारोन्मुखी शिक्षा का विस्तार, स्थानीय और राष्ट्रीय चुनौतियों को संबोधित करने वाले अनुसंधान को बढ़ावा देना, एक हरित और स्मार्ट परिसर विकसित करना, सामुदायिक जुड़ाव को मजबूत करना और समग्र विकास और भारत बोध भारतीय चेतना पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नई शिक्षा नीति को लागू करना शामिल है।
हिन्दुस्थान समाचार / मोनिका रानी