श्रीमद्भागवत कथा में ध्रुव का प्रसंग सुन कर श्रोता हुए मन्त्र मुग्ध

श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन उमड़े भक्त

फर्रुखाबाद, 21 नवंबर (हि. स.)। फर्रुखाबाद शहर के मोहल्ला दरीबा पश्चिम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास गंगोत्री तिवारी मृदुल महाराज ने ध्रुव का प्रसंग सुनाया। उन्हाेंने कहा भगवान को निर्मल मन अत्यधिक प्रिय है । जिसके मन में छल कपट होता है वो भगवान को कभी भी प्रिय नहीं लग सकते। भाव से ध्रुव जी ने भगवान को पुकारा तो प्रभु ने ध्रुव जी पर कृपा की और भाव से मीरा ने गिरिधर को पाया। व्यास जी ने कहा कि कलिकाल में सारी सुविधा होने के बाद भी अशांति सी लोगों के मन बनी रहती है।

उन्हाेंने आगे कहा कि अगर मनुष्य जीवन में शांति पाना चाहता है तो भागवत के अनुसार जुआ, शराब ,व्यभिचार ओर मांसाहार से दूरी बनाकर रखे अन्यथा जीवन में अशांति आ जाती है। हमारे ग्रंथ हमें सतमार्ग पर चलने की प्रेरणा देते है। हमें इनका सदैव अनुसरण करना चाहिए । कथाव्यास ने सती प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि सती के पिता दक्ष ने अभिमान किया तो भगवान शिव ने उसके अभिमान को समाप्त किया। इस अवसर पर मुख्य यजमान के रूप में ऋषि दत्त शर्मा ,गुड्डू पंडित ने सपत्नीक व्यास पीठ का पूजन किया। प्रवेश पाण्डेय राजेश शर्मा ,अंश शर्मा , अमित शर्मा ,चेतन शर्मा ,रामराज यादव, ताराचंद शर्मा ,गोलू शर्मा ,अनुज शर्मा ,टिंकू शर्मा ,लकी शर्मा , ओमशंकर , ओंकार शर्मा , सोनिक, निरंकार शर्मा समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Chandrapal Singh Sengar

   

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