रेलवे ट्रैक के पास संदिग्ध परिस्थितियों में मिला एसएसबी जवान का शव, परिजनों में कोहराम

मीरजापुर, 21 मार्च (हि.स.)। बिहार के मधुबनी जिले में तैनात एसएसबी जवान योगेंद्र यादव (35) का शव संदिग्ध परिस्थितियों में रेलवे ट्रैक के पास मिला। शव शुक्रवार सुबह पैतृक गांव तिवारीपुर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी अनीता यादव ने बटालियन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सवाल उठाए कि मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के बावजूद उन्हें अकेले घर जाने क्यों दिया गया।

मृतक योगेंद्र यादव एसएसबी की 18वीं बटालियन में राजनगर, मधुबनी (बिहार) में तैनात थे। बटालियन के हवलदार चंदन सिंह के अनुसार, योगेंद्र गुरुवार को सुबह 10 बजे छुट्टी लेकर घर के लिए निकले थे और उन्हें राजनगर रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़नी थी। लेकिन करीब 11 बजे आरपीएफ थाने से सूचना मिली कि ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद बटालियन ने शव परिजनों को सौंप दिया।

शव घर पहुंचते ही पत्नी अनीता यादव बिलख पड़ीं और बटालियन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब उनके पति मानसिक रूप से बीमार थे, तो उन्हें अकेले यात्रा करने क्यों दिया गया? उन्होंने कहा कि जब बटालियन के अधिकारी जानते थे कि मेरे पति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, तो उन्हें अकेले भेजने की बजाय किसी जवान को उनके साथ भेजा जाना चाहिए था। कम से कम हमें सूचना दी जाती, तो हम उन्हें लेने आ सकते थे।

मुआवजे की घोषणा

बटालियन की ओर से हवलदार चंदन सिंह ने मृतक की पत्नी को 1.75 लाख रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता दी और आगे विभागीय लाभ दिलाने का आश्वासन दिया। योगेंद्र यादव अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे। उनके तीन बच्चे हैं—सबसे बड़ी बेटी 14 वर्ष की है, जबकि दो बेटे 12 और 10 साल के हैं।

परिजनों ने की जांच की मांग

मृतक के परिजनों ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर योगेंद्र को सुरक्षित घर भेजने की व्यवस्था होती, तो यह हादसा नहीं होता। स्थानीय प्रशासन और एसएसबी अधिकारियों से परिवार को पूरी सहायता देने की अपील की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

   

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