आम बजट 2025: अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा बजट, बेरोजगारी और मंहगाई से निपटने में असफल

कोरबा, 01 फरवरी (हि. स.)। आम बजट 2025 पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एटक के दीपेश मिश्रा ने कहा कि यह बजट वर्तमान परिस्थितियों को देखकर बनाया गया है, लेकिन इसमें कठिन और व्यावहारिक निर्णय लेने की आवश्यकता थी, जो नहीं किया गया है।उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है, लेकिन सरकार बजट में इससे निपटने के ठोस उपाय बताने में असफल रही है। इसके अलावा, बढ़ती मंहगाई को काबू करने के मोर्चे पर सरकार पूरी तरह से मात खा गई है।

उन्होंने कहा कि हालांकि, वित्त मंत्री ने बजट में आयकर ढांचे में बदलाव कर मध्य वर्ग को राहत दी है, जो एक सकारात्मक कदम है। इसके साथ ही, नौकरीपेशा की 12.75 लाख तक आयकर छूट भी सराहनीय है।लेकिन, 52 करोड़ असंगठित मजदूरों के सामाजिक सुरक्षा के लिए इस बजट में कुछ भी प्रावधान नहीं किया गया है, जो एक बड़ी कमी है। इसके अलावा, बजट में देश में छाई आर्थिक सुस्ती को सुधारने के लिए जो उपाय किए जाने चाहिए थे, उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है।

विनिर्माण क्षेत्र, जो सबसे ज्यादा रोजगार सृजन करते हैं, उनको बढ़ावा देने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है, जो एक बड़ी निराशा है।कुल मिलाकर, यह बजट अपेक्षाओं की कसौटी पर पूरी तरह से निराशाजनक है।

हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

   

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