जम्मू,, 2 फ़रवरी (हि.स.)। राजौरी और रियासी जिलों के बीच तराण से फागोली तक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग का निर्माण दिवंगत मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के कार्यकाल के दौरान 2004 में शुरू किया गया था। इस सड़क का प्राथमिक उद्देश्य दोनों जिलों के बीच यात्रा को आसान बनाना, व्यापार को बढ़ावा देना और स्थानीय निवासियों के जीवन को बेहतर बनाना था। हालांकि 18 साल बीत जाने के बावजूद सड़क अधूरी है जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र के अनुमानित 40,000 लोगों को काफी कठिनाई हो रही है।
शुरू में इस परियोजना की लागत चार करोड़ रुपये आंकी गई थी और काम में सात किलोमीटर से अधिक की मिट्टी की खुदाई शामिल थी। सड़क का अधिकांश हिस्सा रियासी जिले में पड़ता है लेकिन परियोजना को पूरा करने के लिए राजौरी और रियासी के संबंधित जिला प्रशासनों की ओर से कोई गंभीर समन्वय या प्रयास नहीं किया गया है। इस कुप्रबंधन और उपेक्षा के कारण सड़क जर्जर स्थिति में है और इसके कुछ हिस्सों को छोड़ दिया गया है।
पीएमजीएसवाई विभाग ने राजौरी जिले में तरन से बेजी तक दो किलोमीटर सड़क का काम पूरा कर लिया है लेकिन रियासी के लोक निर्माण विभाग ने बेजी से फगोली तक मिट्टी का काम पूरा कर दिया है जबकि बाकी काम अधूरा छोड़ दिया है। नतीजतन सड़क का अधिकांश हिस्सा खराब स्थिति में है जिससे स्थानीय निवासियों को यात्रा करने में काफी परेशानी होती है।
मोरा मल गांव के निवासी मोहम्मद इरफान ने सड़क की खराब स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने एक घटना का जिक्र किया जिसमें एक गर्भवती महिला को स्थानीय लोगों के कंधों पर उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ा। इस यात्रा में दो से ढाई घंटे लग गए। इरफान ने बताया कि सड़क की खराब स्थिति गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और अन्य लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है जो दैनिक जरूरतों के लिए इस पर निर्भर हैं।
बरसात के मौसम में सड़क की हालत और भी खराब हो जाती है, जब कीचड़ और मलबा जमा हो जाता है जिससे यात्रा करना लगभग असंभव हो जाता है। इससे करीब दस गांवों के लोगों के जीवन में रोजाना व्यवधान पैदा हो रहा है जिन्हें सड़क की खराब स्थिति से जूझना पड़ रहा है। कई निवासी जो पहले काम, स्वास्थ्य सेवा और अन्य जरूरी चीजों के लिए पास के शहरों में जाते थे, अब सड़क की खराब स्थिति के कारण कई कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
रोजाना आने-जाने की समस्याओं के अलावा सड़क की खराब स्थिति शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में भी समस्याएं पैदा कर रही है। स्कूल जाने के लिए सड़क का इस्तेमाल करने वाले छात्रों को देरी का सामना करना पड़ता है और यात्रा लगातार खतरनाक होती जा रही है। बीमार और बुजुर्ग व्यक्ति भी अस्पताल पहुंचने के लिए संघर्ष करते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। कई लोगों ने राजौरी और रियासी के जिला विकास आयुक्तों के साथ-साथ राजनीतिक नेताओं से सड़क निर्माण पूरा करने का आग्रह किया है, लेकिन अभी तक कोई खास प्रगति नहीं हुई है।
स्थानीय लोगों में निराशा चरम पर पहुंच गई है कई लोग अब अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जल्दी से कार्रवाई नहीं करती है और निर्माण फिर से शुरू नहीं करती है, तो इससे व्यापक विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि सड़क के निर्माण में लगातार हो रही देरी न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि सार्वजनिक सेवा में गंभीर कमी को भी दर्शाती है। उन्होंने राजौरी और रियासी के जिला विकास आयुक्तों से इस महत्वपूर्ण सड़क परियोजना पर काम फिर से शुरू करने की मांग की है, जो स्थानीय निवासियों के दैनिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
सड़क केवल एक मार्ग नहीं है, यह इन समुदायों के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसके निर्माण में और देरी से न केवल निवासियों की मुश्किलें बढ़ेंगी, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा भी बन सकता है, जिसके दीर्घकालिक परिणाम होंगे। क्षेत्र के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सड़क का तत्काल निर्माण बहुत महत्वपूर्ण है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता