केबीपी परियोजना से दो मिलियन टन कोयला की चोरी

केबीपी परियोजना में ध्वस्त हुआ अवैध माइंस

रामगढ़, 17 मार्च (हि.स.)। झारखंड की बड़ी परियोजना कोतरे बसंतपुर पचमो में माइनिंग जल्द शुरू हो जाएगा। रामगढ़ जिले के वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र अंतर्गत बसंतपुर इलाके में पावर मेक प्रोजेक्ट की सब्सिडियरी कंपनी केबीपी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड जल्द ही यहां ओबी हटाकर कोयले का उत्पादन शुरू कर देगी। जिस जगह यह कार्य होने जा रहा है वहां कोयला तस्करों का गढ़ था। इस इलाके से अभी तक दो मिलियन टन कोयले की चोरी कर ली गई है। इतने बड़े पैमाने पर कोयला उत्खनन करने के लिए तस्करों ने 13 अवैध रैट होल बना दिए थे। सीसीएल, जिला प्रशासन और वन विभाग के ज्वाइंट ऑपरेशन में तस्करों के अवैध माइंस को ध्वस्त कर दिया गया। सीसीएल प्रबंधन ने आशंका जाहिर की है कि तस्करों ने यहां से करोड़ों रुपए के कोयले निकाले, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ है।

जानकारी के अनुसार बसंतपुर इलाके से रोजाना लगभग 100 ट्रैक्टर कोयला चोरी की जाती थी। सूत्रों के अनुसार, जब अवैध खनन अपने चरम पर था, तो हर दिन लगभग 100 ट्रैक्टर (300 टन) कोयला चोरी हो रहा था। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि लगभग 54000 टन कोयले की तस्करी हर वर्ष हो रही थी। मानसून के कारण इन अवैध भूमिगत खदानों में कुछ महीनों के लिए खनन रुकता था। साल में औसतन 180 दिन खनन होता था, जिससे सालाना 54,000 टन कोयला चोरी हो रहा था। चार दशक में 1.5 से 2 मिलियन टन कोयले के नुकसान होने की बात कही जा रही है।

प्रशासन ने अवैध कोयला माफिया पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। 27 फरवरी से 10 मार्च तक चले इस विशेष अभियान में 13 अवैध भूमिगत खदानों को ध्वस्त किया गया। लगभग 3,000 किलोग्राम विस्फोटकों का उपयोग हुआ। विस्फोट से पहले स्थानीय लोगों को लाउडस्पीकर के जरिए सतर्क किया गया। प्रशासन ने सुरक्षा प्राथमिकता रखते हुए यह सुनिश्चित किया कि कोई जनहानि न हो।

रामगढ़ डीसी चंदन कुमार ने सोमवार को बताया कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक अवैध खदानों को पूरी तरह बंद नहीं कर दिया जाता।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश

   

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