
रांची, 1 मई (हि.स.)। केंद्र सरकार की ओर से देश मे जातीय जनगणना कराने के फैसले का प्रदेश राजद ने स्वागत किया है।
पार्टी के प्रदेश युवा महासचिव सह प्रवक्ता मंतोष यादव ने गुरुवार को कहा कि यह घोषणा राजद राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तथा समाजवादियों के लंबे संघर्षों का परिणाम है।
यादव ने कहा कि वर्ष 1996-97 में लालू प्रसाद यादव जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तब जनता दल संयुक्त मोर्चा के सरकार में जातिगत जनगणना का प्रस्ताव कैबिनेट से पास किया गया था, लेकिन बाद में एनडीए सरकार आई और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेई ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। उसके बाद वर्ष 2010-11 यूपीए सरकार में जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, रामविलास पासवान ने कई दिनों तक संसद ठप कर दिया।
इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह ने सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने के आश्वासन के बाद संसद चलने दिया गया था।
यादव ने कहा कि मात्र सत्रह महीने के उपमुख्यमंत्री के तौर पर छोटे कार्यकाल में तेजस्वी यादव ने बिहार में जातिय गणना कराकर और संख्या के अनुपात आरक्षण को बढ़ाकर देश को दशा-दिशा दिखाकर ऐतिहासिक काम किया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak