करशना-खानशाब मुख्य मार्ग पर छह मृत गायों के शरीर मिलने से लोगों में भारी रोष

बडगाम, 14 अक्टूबर (हि.स.)। बडगाम ज़िले में करशना-खानशाब मुख्य मार्ग पर छह मृत गायों के शव मिलने से लोगों में भारी रोष फैल गया है। इससे स्थानीय लोगों के लिए असहनीय स्थिति पैदा हो गई है और पर्यावरण व जन स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चिंताएँ पैदा हो गई हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार ये शव जो संभवतः पास के एक गाँव से लाए गए थे, कई दिन पहले सड़क किनारे छोड़ दिए गए थे। सड़ते हुए शवों ने इलाके को रहने लायक नहीं बना दिया है और पूरे इलाके में तेज़ बदबू फैल रही है।

एक स्थानीय दुकानदार ने कहा कि गंध इतनी असहनीय है कि लोग इस रास्ते से गुजरते समय अपना चेहरा ढकने को मजबूर हैं। यहाँ तक कि पास की नदी भी शवों के बहते पानी के कारण दूषित होने का ख़तरा है। यह न सिर्फ़ अप्रिय है बल्कि ख़तरनाक भी है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ये जानवर कई दिन पहले मर गए थे और संभवतः अज्ञात व्यक्तियों ने अंधेरे की आड़ में उन्हें फेंक दिया था। इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है जिन्होंने इस कृत्य की घोर गैरज़िम्मेदाराना और अस्वास्थ्यकर बताते हुए निंदा की है।

जब अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो स्थिति को देखते हुए स्वयंसेवकों के एक समूह ने संकट से निपटने के लिए कदम उठाया। टीम ने एक बुलडोज़र का इंतज़ाम किया और बीमारी फैलने और पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए शवों को दफ़ना दिया।

मुज़म्मिल अहमद ने कहा कि हम अब और इंतज़ार नहीं कर सकते थे। बदबू असहनीय हो गई थी और लोग बीमार पड़ रहे थे। हमें पर्यावरण और जन स्वास्थ्य दोनों की रक्षा के लिए तुरंत कार्रवाई करनी पड़ी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आम नागरिकों को आधिकारिक प्रतिक्रिया के अभाव में ऐसे कदम उठाने पड़ रहे हैं।

एक पर्यावरण कार्यकर्ता ने कहा कि यह प्रथा न केवल पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँचाती है बल्कि समुदायों को भी खतरे में डालती है। उन्होंने बडगाम जिला प्रशासन से तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

   

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