बुंदेलखंड में विदेशी ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसानों की बदल रही तकदीर

कम लागत में मोटी कमाई होने से खेती का भी लगातार बढ़ रहा ग्राफ

हमीरपुर, 27 अक्टूबर (हि.स.)। बुंदेलखंड में विदेशी ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसानों की अब तकदीर बदल रही है। कम लागत में बड़ा मुनाफा होने से इसकी खेती का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इस समय विदेशी ड्रैगन फ्रूटों से पेड़ों की डालें लद गई हैं। जिन्हें देख किसानों के चेहरे में खुशी भी देखी जा रही है। यह फ्रूट तमाम असाध्य बीमारी में रामबाण होने से इसकी डिमांड मार्केट में बढ़ रही है।

बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के चार गांवों में विदेशी ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरुआत कुछ साल पहले हुई थी। मौदहा क्षेत्र के पाटनपुर गांव में ही ऋषि शुक्ला ने दो साल पहले एक एकड़ में इस फ्रूट की खेती शुरू की थी जिसमें दो लाख रुपये की लागत आई थी। पहले साल में इससे कोई फायदा नहीं हुआ लेकिन अब इन्हें इसकी खेती से डबल कमाई हो रही है। ऋषि शुक्ला ने बताया कि एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए गए थे। जिस पर उद्यान विभाग से तीस हजार रुपये का अनुदान भी मिला था। बताया कि इस साल एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट भारी मात्रा में पैदावार हुई है। जिससे लाखों रुपये का मुनाफा उन्हें मिल रहा है। बताया कि हमीरपुर जिले के गहरौली गांव में पीयूष गुरुदेव, गोहानी गांव के राजेन्द्र सिंह व भरसवां गांव के राजकुमार पाण्डेय ने भी एक-एक एकड़ खेत में विदेशी ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है। इसके अलावा बुंदेलखंड के बांदा, महोबा समेत अन्य आसपास के इलाकों में भी किसान इसकी खेती से अपनी किस्मत चमका रहे हैं।

विदेशी फ्रूट की खेती को उद्यान डिपार्टमेंट दे रहा बम्पर अनुदान

उद्यान विभाग के निरीक्षक सौभाग्य सोनी ने बताया कि बुंदेलखंड में विदेशी ड्रैगन फ्रूट की खेती करने पर किसानों को तीस हजार रुपये का अनुदान मिलता है। पिछले साल हमीरपुर के तीन किसानों को अनुदान दिया गया था। बताया कि इस फ्रूट से मोटी कमाई होने के कारणअब इस बार खेती का दायरा बढ़ाने की तैयारी में किसान लगे हैं। आगामी फरवरी महीने में फ्रूट की खेती के लिए अब बढ़ावा दिया जाएगा।

ड्रैगन फ्रूट की खेती से लगातार तीस सालों तक मिलेगी मोटी कमाई

विदेशी ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले ऋषि शुक्ला व राजेन्द्र सिंह ने बताया कि एक एकड़ खेत में विदेशी ड्रैगन फ्रूट की खेती करने पर पहले साल दो लाख रुपये की लागत कम से कम आती है फिर अगले साल से ही इससे आमदनी होने लगती है। बताया कि शुरूआती साल में ही खेती करने पर लागत लगती है फिर तीस सालों तक बिना लागत लगाए ही मोटी कमाई होने से इसकी खेती को लेकर किसानों में रुचि बढ़ी है।

विदेशी ड्रैगन फ्रूट खाने से अस्थमा और शुगर बीमारी रहती है कन्ट्रोल

जिला अस्पताल के पूर्व फिजीशियन डाँ.पीके गुप्ता ने बताया कि विदेशी ड्रैगन फ्रूट मेंपोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसे खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। आयुर्वेद चिकित्सा के डाँ.दिलीप त्रिपाठी व सरकारी जिला अस्पताल के फिजीशियन डाँ.आरएस प्रजापति ने बताया कि इस फल में विटामिन सी व फाइबर पाए जाते है जिससे पेट सम्बन्धी बीमारी ठीक होती है। वहीं अस्थमा, शुगर जैसी गम्भीर बीमारी भी नियंत्रित रहती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा

   

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