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जयपुर, 2 मार्च (हि.स.)। शिप्रापथ थाना पुलिस ने फर्जी साइबर पुलिसकर्मी बनकर लोगों को ठगने वाले तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने गैंग के सरगना सुशील उर्फ काशीराम मीणा सहित तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। तलाशी के दौरान पुलिस को इनके ऑफिस, घर और कार से फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी, जीएसटी अधिकारी, नेशनल एंटी करप्शन समूह, के अधिकारी के आई कार्ड मिले हैं। तीनों बदमाशों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया हैं।
पुलिस उपायुक्त जयपुर दक्षिण दिगंत आनंद ने बताया कि शिप्रापथ थाना पुलिस ने फर्जी साइबर पुलिसकर्मी बनकर लोगों को ठगने वाले बामनवास सवाई माधोपुर निवासी सुशील कुमार (27) पुत्र मेघराज मीणा , आलोक कुमार (27) पुत्र आत्माराम मीणा निवासी बोढा मोहल्ला, कॉलोनी बामनवास सवाई माधोपुर और धीरज कुमार मीणा (23) पुत्र बनवारी लाल मीणा को गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि 24 फरवरी को भोला मीणा निवासी सवाई माधोपुर ने मामला दर्ज करवाया कि 23 फरवरी को उसके बेटे रामअवतार मीणा को तीन बदमाश त्रिवेणी नगर में अयोध्या नगर स्थित घर से उठा कर ले गए। जो अपने आप को साइबर पुलिसकर्मी बता रहे थे। आस पास के थानों में पता किया तो इस प्रकार की कोई घटना सामने नहीं आई। इसके बाद रात में करीब 11.30 बजे राम अवतार का फोन आया। कहा कि ये मुझे पीट रहे हैं। 40 हजार खाते में डालने के लिए बोल रहे हैं। इस के बाद बदमाशों ने फोन बंद कर दिया। 24 तारीख को सुबह बदमाशों ने फोन कर 10 लाख रुपए की डिमांड की। बोले कि पैसा नहीं दिया तो बेटे को दिल्ली ले जाकर गिरफ्तार करेंगे। इस पर शिप्रापथ थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस जांच में पता चला कि रामवतार ने अपने पिता को फोन किया। कहा कि उसे बदमाशों ने छोड़ दिया है। वह कमरे पर आ गया है। इस पर शिप्रापथ थाना पुलिस भी कमरे पर पहुंची। रामवतार ने बताया कि तीन लोग थे। जो खुद को पुलिस वाले बता रहे थे। बदमाशों ने उसके साथ बेल्ट व लात घूसों से मारपीट की। एटीएम, फोन पे, पेटीएम, गूगल पे के पिन ले लिए। खाते से जबरदस्ती 23 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिए। तीनों लोग नीले रंग कि गाड़ी में उसे लेकर गए थे। उसे शिवदासपुरा टोल के आगे खटाणा पैलेस होटल में ले गए थे।
इस पर पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज चेक किए। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गाड़ी व वारदात में शामिल बदमाशों की जानकारी सामने आई। पुलिस ने बदमाशों के मोबाइल नम्बरों की सीडीआर निकाल कर उस पर काम करना शुरू किया। इस पर पुलिस ने सुशील मीणा उर्फ काशी राम मीणा, आलोक कुमार मीणा, धीरज मीणा उर्फ डीके को बापर्दा गिरफ्तार किया। तीनों जयपुर के प्रतापनगर स्थित गणेश विहार कॉलोनी में किराए का मकान लेकर रह रहे थे।
गिरफ्तार बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि किडनैप की वारदात का प्लान तीनों ने मिलकर बनाया था। शहर की भीड़भाड़ वाली जगहों पर चाय की थड़ियों पर बैठकर अपने आप को इनकम टैक्स अधिकारी और साइबर पुलिस अधिकारी बता कर लोगों से जानकारी एकत्रित करते थे। फिर टारगेट को चुनकर उसकी रैकी करते। उसको मौका देखकर उठाकर गाड़ी में बैठाकर सुनसान जगह पर ले जाते। फिर खुद को पुलिसकर्मी बताकर जेल भेजने के नाम पर घरवालों से रुपए मंगवाते थे। पैसा नहीं देने पर मारपीट करते थे। पैसा मिलने पर उसको वापस छोड़ देते थे। गिरफ्तार बदमाशों ने पहले भी कई वारदात करना कबूल किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश