हिट एंड रन के पीड़ित मुआवजा का उठाएं लाभ : जिलाधिकारी

— कानपुर में चार सौ मामलों में अब तक 70 ही हुए अनुमोदन

— पीड़ित व परिजन मुआवजा के लिए लहसीलदार, एसडीएम या आरटीओ में करें आवेदन

कानपुर, 05 मार्च (हि.स.)। हिट एंड रन के पीड़ित या उनके परिजनों को सरकार अप्रैल 2022 से मुआवजा दे रही है, लेकिन अभी भी लोग योजना का लाभ उठाने में काफी पीछे चल रहे हैं। इसको देखते हुए कानपुर के जिलाधिकारी ने पहल की है और पीड़ित व उनके परिजनों से अपील की है कि योजना लागू होने के बाद से जितने भी ऐसे लोग हैं मुआवजा के लिए संबंधित तहसीलदार, एसडीएम या आरटीओ में आवेदन कर योजना का लाभ उठाएं।

जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने बुधवार को बताया कि पहले सड़क दुर्घटनाओं में अगर घटना करने वाला वाहन चालक मौके से भाग गया और उसकी पहचान नहीं हो पाई तो पीड़ित व उसके परिजनों को मुआवजा नहीं मिलता था। इसको देखते हुए सरकार ने अप्रैल 2022 में योजना लागू कर ऐसे सभी पीड़ित व उनके परिजनों को मुआवजा देने का एलान किया था। इसके लिए प्रदेश के सभी जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है और पीड़ितों व उनके परिजनों को मुआवजा दिया जा रहा है। कानपुर में मार्च 2022 से अब तक 400 ऐसे मामले सामने आए हैं, लेकिन सिर्फ 70 केस ही अनुमोदित हो सके हैं। ऐसे में उन सभी पीड़ितों व उनके परिजनों से अपील है कि मुआवजा के लिए संबंधित तहसीलदार, उपजिलाधिकारी या परिवहन विभाग में फार्म वन भरकर योजना का लाभ उठायें। फार्म वन के उपरांत फार्म दो और तीन भी सरल प्रक्रिया के तहत भरवाया जाता है।

क्या है हिट एंड रन

ऐसी दुर्घटना जिसमें खुद की या परिजनों की किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से घायल अथवा मृत्यु हो जाती है और दुर्घटना करने वाले का नाम और गाड़ी का नंबर इत्यादि पता नहीं चल पाता है। ऐसी दशा में पीड़ित व्यक्ति को बीमा कंपनी भी अज्ञात होने के कारण क्लेम देने से मना कर देती है। पुलिस विवेचना में भी दुर्घटना करने वाले का नाम या गाड़ी नंबर मालूम नहीं हो पाता है। मोटे तौर पर हिट एंड रन का मतलब है, किसी दुर्घटना के बाद वाहन चालक की ओर से सूचना दिए बिना या मदद किए बिना मौके से भाग जाना या दुर्घटना जानबूझकर अथवा अनजाने में हो सकती है। ऐसे पीड़ित लोगों को सरकार मुआवजा दे रही है।

यह है मुआवजा

जिलाधिकारी ने बताया कि हिट एंड रन मामले में सरकार मदद कर रही है। यह योजना एक अप्रैल 2022 से लागू की गई है। इसके अंतर्गत दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल को पचास हजार रुपये और मृत्यु की दशा में उनके परिजनों को दो लाख रुपये तक का मुआवजा सरकार द्वारा दिया जाता है। साथ ही आरोपित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाती है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 में हिट एंड रन का प्रावधान है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 161 में हिट एंड रन मोटर दुर्घटना की परिभाषा दी गई है। नए हिट एंड रन कानून में धारा 106(2) के तहत किसी व्यक्ति या वाहन को टक्कर मारने के बाद भागने वाले चालकों के लिए सजा और जुर्माने के रूप में दस साल की जेल की अवधि निर्धारित की गई है। धारा 106 (1) के तहत यह उन ड्राइवरों के लिए पांच साल की छोटी जेल अवधि निर्धारित करता है जो निकटतम पुलिस स्टेशन में दुर्घटना की रिपोर्ट करते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

   

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