रंजीत सागर झील किनारे दरक रही जमीन लोगों के घरों में आई दरारें.

जम्मू,, 8 अप्रैल (हि.स.)। रणजीत सागर झील से सटे बसोहली के वार्ड संख्या छह के लोग अभी भी डर के साए में जी रहे हैं क्योंकि समस्या के समाधान के लिए प्रशासन द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। दरअसल वार्ड संख्या छह के अंतिम छोर पर कुछ दूरी पर रणजीत सागर झील है इसके साथ जो घर लगते हैं उन घरों में बीते कई वर्षों से दरारें आने का सिलसिला जारी है वह लोग इन दरारों को भरने व मरम्मत के लिए अब तक लाखों रुपए खर्च भी कर चुके हैं। वार्ड संख्या 6 की रहने वाली सविता देवी ने बताया कि अब तक लाखों रुपए खर्च कर चुके हैं और आगे भी खर्च होते रहेंगे अगर प्रशासन ने हमारी सुध न ली तो क्योंकि हमारे घर आंगन में जो दरारें पड़ रही हैं उससे हमारे घर पूरी तरह से असुरक्षित हैं हमें यह पता नहीं होता की रात के समय जब हम अपने घरों में मौजूद होते हैं तो हम बचेंगे या नहीं या फिर हम सीधे अपने घरो के ध्वस्त होने के साथ रणजीत सागर झील में समा जाएंगे। उन्होंने बताया कि उनके घर के साथ पांच से छह मकान और लगते हैं जिनमे दरारें आने का सिलसिला जारी है कुछ मकान फटने भी शुरू हो चुके हैं।

स्थानीय लोगों के मुताबिक रणजीत सागर झील के जलाशय की दूरी उनके घरों से करीब डेढ़ सौ मीटर है यहां धीरे-धीरे भूमि खिसक रही है और लोगों के घरों को नुकसान पहुंच रहा है। वर्ष 2000 में रणजीत सागर झील का पानी स्टोर किया गया था जिसके तीन वर्षों बाद लोगों के घरों को नुकसान पहुंचाना शुरू हो गया तभी से लोग इस संदर्भ में स्थानीय जनप्रतिनिधियों प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवा रहे हैं लेकिन आज तक प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा संज्ञान लेने के बाद भी लोगों की घरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए ना तो कोई प्रोटेक्शन बाल लगाई गई है और ना कोई ठोस कदम उठाए गए हैं।

स्थानीय सविता देवी और चंपा देवी ने बताया कि वर्ष 2013 में मात्र तीन से चार घर इस भूस्खलन की जद में थे जबकि वर्षो बीत जाने के साथ इनकी संख्या भी बढ़ती गई और वर्ष 2023 से लेकर अब तक इनकी संख्या लगभग एक दर्जन तक पहुंच चुकी है। इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि भविष्य में भूस्खलन के कारण कहीं पूरा मोहल्ला इसकी जद में ना आ जाए , इस बात का भी भय बना हुआ है कि रात के समय मकान भूस्खलन की चपेट में आकर रणजीत सागर झील के जलाशय में ना समा जाए इसी भय के कारण वह अपने दूसरे घर में जाकर रात के समय सविता देवी विश्राम करती हैं और चंपा देवी अपने परिवार के साथ असुरक्षित घर में रहती है जो लगातार प्रशासन और विधायक से उनके घरों को बचाने की गुहार लगा रही हैं।

हालांकि तीन वर्ष पूर्व जब प्रशासन के संज्ञान में यह मामला आया था तो प्रशासन ने इस स्थान का दौरा भी किया था इसके बाद डीसी कठुआ को पत्र लिखकर एडीसी द्वारा इस संदर्भ में जानकारी दी गई थी और भू वैज्ञानिको की टीम को यहां बुलाकर इस मामले की जांच के लिए कहा गया था झील के साथ लगते घरों की जांच की जाएगी ऐसा आश्वासन भी दिया गया था, इसके बाद घरों की गिनती हुई लेकिन मामला ठंडा बसते में पड़ा रहा। वहीं लोगों ने प्रशासन और विधायक ठाकुर दर्शन सिंह से मांग की है कि इस स्थान का दौरा किया जाए और लोगों के घरों को बचाने के लिए कदम उठाए जाएं इस बारे में जब बसोहली के विधायक ठाकुर दर्शन सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया की यहां के लोगों के जरिए यह मामला मेरे संज्ञान में आया है प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इस जगह का दौरा करेंगे लोगों के जो घर असुरक्षित है उसके लिए जरूरी कार्रवाई की जाएगी और यहां लोगों के घरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता

   

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