गुमशुदा मूकबधिर बालक को परिजनों को किया गया सुपुर्द

रामगढ़, 22 अप्रैल (हि.स.)। रामगढ़ जिला प्रशासन के सहयोग से एक मुक-बधिर बालक को उसके परिजनों से मिलाया गया। मंगलवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बालक को परिजनों को सौंपा। नौ सितंबर 2024 को वात्सल्य धाम बालगृह के हाउस फादर को सूचना मिली थी कि एक मानसिक रूप से अस्वस्थ बालक कोठार ओवर ब्रिज के पास खड़ा है।

हाउस फादर द्वारा संरक्षण पदाधिकारी संस्थागत देखभाल दुखहरण महतो को इसकी सूचना दी गई। इसके पश्चात चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने तत्काल बच्चे को वात्सल्य धाम बालगृह पहुंचाया गया। 10 सितंबर 2024 को मूकबधिर बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार बालक को बाल गृह में आश्रय दिया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से बच्चे के गुमशुदगी की फोटो युक्त तस्वीर अखबार में प्रकाशित की गई। बालक का आधार कार्ड बनवाने के क्रम में आरती पंकज यूआईडी प्रभारी की ओर से बालक के पूर्व से बनी आधार विवरणी उपलब्ध कराई गई। उपलब्ध विवरणी के आधार पर रामगढ़ अंतर्गत भुरकुंडा क्षेत्र में संरक्षण पदाधिकारी की ओर से विनोद किस्कु नामक व्यक्ति से संपर्क किया गया। जो बालक के घर से चार-पांच किलोमीटर दूर रहता है। उनके जरिये परिजन से संपर्क किया गया।

क्षेत्रीय कार्यालय भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के सहयोग से दिनांक 21 अप्रैल 2025 को प्रभारी पदाधिकारी गोपनीय शाखा रविंद्र कुमार गुप्ता, जिला योजना पदाधिकारी संतोष कुमार भगत, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष कैलाश कुमार, क्षेत्रीय कार्यालय भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण अधिकारी अब्दुल कलाम अंसारी, बाल संरक्षण पदाधिकारी शांति बागे, संरक्षण पदाधिकारी संस्थागत देखभाल दुखहरण महतो के जरिये बालक की माता को सुपुर्द किया गया। बच्चा अपनी मां को पाकर काफी खुश था।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश

   

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