श्रीकृष्ण बाल लीलाओं से गुंजा मंदिर, भागवत कथा में भक्ति का उमड़ा सागर

मीरजापुर, 27 नवम्बर (हि.स.)। विकासखंड कोन के श्रीपट्टी गांव स्थित महाकालेश्वर मंदिर परिसर में चल रही सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में गुरुवार को चौथे दिन भक्तिमय वातावरण छाया रहा। कथा वाचक मृत्युंजयानंद महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के साथ-साथ राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की प्रेरणादायी कथा का विस्तृत वर्णन किया।

उन्होंने बताया कि भाद्रपद माह की कृष्ण अष्टमी को आधी रात मथुरा के कारागार में देवकी और वसुदेव के घर जन्मे श्रीकृष्ण को भगवान की लीला से खुली बेड़ियों के कारण वसुदेव यमुना पार कर गोकुल में नंद-यशोदा को सौंप सके, जहाँ उनका पालन-पोषण हुआ। महाराज ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं और मनुष्य मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।

कथा के अंत में भगवान भागवत की आरती की गई और भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य यजमान विद्यावती देवी, प्रभात मिश्रा, सरिता मिश्रा, प्रभाकर मिश्रा, कविता मिश्रा सहित निपेंद्र कुमार दुबे, घनश्याम पांडेय, विनोद कुमार दुबे समेत सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

   

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