अजमेर, 10 जनवरी(हि.स)। राजस्थान विधान सभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान को कोई खतरा नहीं है। जो लोग ऐसा कहते हैं लगता है कि उन्होंने संविधान को पढ़ा ही नहीं है और लोकतंत्र को समझा ही नहीं है। भारत के लोकतंत्र की मजबूती का प्रमाण है कि यहां सैकड़ों बार सत्ता परिवर्तन हो गया किन्तु लोकतंत्र कायम ही नहीं है, पहले से ज्यादा मजबूत व सुदृढ़ हुआ है। पूरी दुनिया आज भारत की ओर देख रही है।
अजमेर में शुक्रवार को अजयमेरु प्रेस क्लब की ओर से उनका जन्मदिवस समारोह मनाया जा रहा था। देवनानी क्लब के मानद सदस्य हैं। इस नाते उन्होंने यहां किसी पद, प्रतिष्ठा और आसन पर होते हुए संवाद करने के बजाए पत्रकारों से मित्रवत सहज और सरल, सौहार्द वातावरण में अपनी बात रखी। यूं तो देवनानी का जन्म दिन 11 जनवरी को आता है किन्तु अनेक कार्यक्रमों की व्यस्तता के कारण उनका जन्म दिन प्रेस क्लब पर पत्रकार साथियों ने एक दिन पूर्व ही मनाया।
देवनानी ने देश भर में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की ओर से मिशन बना कर लोगों को गुमराह किए जाने पर बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि भारत का लोकतंत्र और संविधान दोनों ही सुरक्षित हैं। लोकतंत्र और संविधान दोनों को ही किसी तरह का खतरा नहीं है, ना ही कभी रहा और ना ही रहेगा।
उन्होंने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान तैयार होते समय रही कमियों में भारतीय सामाजिक और धार्मिक संस्कृति, सरोकार, मान्यता और परम्पराओं का विषय तनिक रह गया था जिसे सुधार का भी समय नहीं था लिहाजा संविधान के बाईसवें अध्याय में उन्हें चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया जिससे कम समय में भारतीय सामाजिक धार्मिक संस्कृति का भी उसमें समावेश हो जाए।
उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि विधानसभा का अध्यक्ष होने के साथ ही उन्होंने विधान सभा में एक गैलेरी का निर्माण कराया जिसमें सभी चित्रों को दर्शाया गया है। उन्होंने इस मौके पर पत्रकारों को विधानसभा भवन भ्रमण का निमंत्रण भी दिया। विधानसभा में भारतीय महिलाओं के पसंदीदा गुलाबी रंग को भी महत्व दिया गया। आधुनिकता की दृष्टि से वहां सभी सम्माननीय विधायकों की मेज पर लेपटॉप की व्यवस्था की गई है और भी कई नवाचार किए जा रहे हैं।
जीवन लॉकर की तरह हो
देवनानी ने कहा कि व्यक्ति का जीवन एक लॉकर के समान होना चाहिए। जिसमें लॉकर तब ही खुलता है जबकि एक चाबी मैनेजर की लगती है तो दूसरी चाबी लॉकर के मालिक की। उन्होंने स्पष्ट किया जीवन में पहली चाबी मैनेजर के रूप में आपके कर्म की होती है और दूसरी चाबी मालिक के रूप में आपके भाग्य की। जब दोनों चाबियां मिल कर लॉकर में लग जाती है तो लॉकर खुल जाता है।
देवनानी ने यह प्रसंग अपने शिक्षक होने से विधानसभा अध्यक्ष बनने तक के जीवन यात्रा वृतांत की कुछ घटनाओं से प्रेरित होकर सुनाते हुए सदैव कर्मशील बने रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में परिवर्तन स्वभाविक घटना है। इस यात्रा में कई लोग एक साथ चलते जरूर है पर हर कोई मंजिल तक साथ नहीं होता। कोई निराश होकर तो कोई मजबूरी के कारण साथ छोड़ देता है, कुछ लोग साथ रहकर भी साथ नहीं होते और पहचाने जाने पर उन्हें बीच रास्ते हटना पड़ता है। वहीं कोई आखिर तक साथ निभाते हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब वे दसवीं की परीक्षा अजमेर में रहकर देते हुए स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठकर पढ़ा करते थे। एक आज का समय है कि वे पिछले 25 सालों से अजमेर की जनता की सेवा करते हुए विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं ऐसा कभी उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था।
याद किया उदयपुर से अजमेर आकर पहला चुनाव लड़ना
देवनानी के भारी मन से उन लोगों को जरूर याद किया जिन लोगों ने उनके उदयपुर से अजमेर आकर पहला विधानसभा चुनाव लड़ने में साथ निभाया और बीस सालों तक साथ भी चले। इस दौरान मीडिया के साथियों के सहयोग और समर्थन का भी उन्होंने आभार दर्शाया। उनका भी धन्यवाद किया जिन्होंने उनके खिलाफ अभियान चलाया और उन्हें तरह तरह के नामों से नवाजा जाने लगा। उन्होंने कहा कि जो कर्म में विश्वास रखता है भाग्य भी उसी का साथ देता है।
अजमेर में विकास कार्यों का किया जिक्र
अजमेर में विकास कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने ब्यूरोक्रेसी के मिजाज को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में काम को अंजाम तक पहुंचाना बहुत ही मेहनत और समय मांगता है। अजमेर को स्मार्टसिटी के रूप में पूर्ण विकसित करने के नजरिए से उन्होंने बताया कि जो भी जरूरी कदम हैं वे उठाए जा रहे हैं। बांडी नदी के अतिक्रमण हटाने को लेकर उन्होंने कहा कि वह तो होकर रहेगा। इसमें किसी को व्यक्तिगत नुकसान होता हो तो होगा चाहे वह वे स्वयं ही क्यों ना हों पर जनहित में जो जरूरी है वह किया जाएगा।
स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगेगी
देवनानी ने 12 जनवरी को अजमेर में स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर मार्बल की 13 फीट ऊंची मूर्ति लगवाने की तैयारियों का भी जिक्र किया। साथ ही अजमेर में आगे भी युवाओं के लिए केंद्रीयकृत विशाल पुस्तकालय बनाने की ओर कदम बढ़ाने की भी उन्होंने जानकारी दी। उन्होंने सभी पत्रकार साथियों को पूर्व की भांति अपना स्नेह और समर्थन बनाए रखते हुए अजमेर के विकास में साथ कदम बढ़ाने की अपेक्षा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वे देश को विकसित भारत घोषित होने तक जन जन की सेवा में संलग्न रहेंगे।
इससे पूर्व देवनानी के अजयमेरु प्रेस क्लब पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। क्लब अध्यक्ष राजेन्द्र गुंजल, उपाध्यक्ष सन्तोष कुमार गुप्ता, महासचिव अरविंद मोहन शर्मा, कोषाध्यक्ष सत्यनारायण जाला, सचिव अमित टण्डन एवं सम्पूर्ण कार्यकारिणी ने उन्हें माला पहना कर बधाई दी एवं अध्यक्ष गुंजल ने स्वागत उद्बोधन दिया। क्लब की परम्परा के अनुसार देवनानी के जन्म दिन का केक भी काटा गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष