गुवाहाटी, 04 जनवरी (हि.स.)। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने शनिवार को राजभवन में आयोजित एक समारोह में तीन नई योजनाओं का शुभारंभ किया। इन योजनाओं में राज्यपाल असम राष्ट्रीय कृतज्ञता एवं जागरूकता योजना, राज्यपाल असम कर्तव्य से विकास योजना और राज्यपाल असम अमृत सरोवर सद्भावना संगत प्रोत्साहन योजना शामिल हैं।
राष्ट्रीय कृतज्ञता एवं जागरूकता योजना का उद्देश्य खासकर छात्रों को देश की रक्षा में जुटे सशस्त्र बलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए प्रेरित करना है। इसे राज्य के सभी जिलों में स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सैनिक कल्याण निदेशालय के साथ साझेदारी में लागू किया जाएगा। इस योजना में सशस्त्र बलों के अधिकारियों, पूर्व सैनिकों और वीर नारियों द्वारा अपने अनुभव साझा किए जाएंगे, जिससे युवाओं में देशभक्ति, अनुशासन और समर्पण की भावना का विकास होगा।
कर्तव्य से विकास योजना का उद्देश्य समाज में जिम्मेदारी और कर्तव्य के प्रति जागरूकता पैदा करना है। इसे राजभवन असम और नेहरू युवा केंद्र के सहयोग से लागू किया जाएगा। स्कूलों और कॉलेजों में मूल कर्तव्य, राष्ट्रीय एकता और एक भारत श्रेष्ठ भारत जैसे विषयों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह योजना युवाओं को भारत को विकसित भारत बनाने की दिशा में प्रेरित करने का प्रयास है।
अमृत सरोवर सद्भावना संगत प्रोत्साहन योजना के तहत अमृत सरोवर स्थलों को सामुदायिक केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। इन स्थलों पर सौर ऊर्जा संयंत्र, ध्वज स्तंभ और सामुदायिक गतिविधियों के लिए स्थान बनाए जाएंगे। इसके तहत वृक्षारोपण अभियान और सामुदायिक सभाओं जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
समारोह में राज्यपाल ने कहा कि देश की सेवा करना एक विशेषाधिकार है, लेकिन सशस्त्र बलों को सम्मान देना हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने छात्रों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपनी ऊर्जा का सदुपयोग करने और राष्ट्र की सेवा में नवाचार लाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर गौहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ननी गोपाल महंत, कॉटन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रमेश चंद्र डेका और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल ने इससे पहले 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर पांच अन्य योजनाओं का शुभारंभ किया था। इनमें प्रतिभा प्रोत्साहन योजना, विश्वकर्मा सम्मान योजना, उत्कृष्टता पुरस्कार, भाषा प्रोत्साहन योजना और वरिष्ठ शिक्षक सम्मान योजना शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश