ठियोग टैंकर घोटाला से विजिलेंस उठाएगी पर्दा, कब्ज़े में लिया रिकॉर्ड
- Admin Admin
- Jan 05, 2025
शिमला, 05 जनवरी (हि.स.)। शिमला जिला के ठियोग उपमंडल में टैंकरों से पानी आपूर्ति के नाम पर हुए गबन का पर्दाफाश होने के बाद अब विजिलेंस इस मामले की तहकीकात में जुट गई है। एएसपी नरवीर सिंह राठौर की अगुवाई में विजिलेंस टीम ने जांच तेज़ कर दी। टीम ने ठियोग एसडीएम कार्यालय से संबंधित दस्तावेजों को कब्जे में लिया है। जलशक्ति विभाग से भी संबंधित रिकॉर्ड जुटाने की प्रक्रिया जारी है। मामले में पानी की सप्लाई से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। हालांकि विजिलेंस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है।
माना जा रहा है कि प्रारंभिक जांच के बाद विजिलेंस टीम जल्द ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कर सकती है। इससे घोटाले में शामिल अधिकारियों और ठेकेदारों पर शिकंजा कस सकता है। विजिलेंस टीम अब उन सभी दस्तावेजों की जांच कर रही है, जिनके जरिए टैंकरों से पानी की फर्जी आपूर्ति का दावा किया गया था।
इस घोटाले का खुलासा होने के बाद सरकार हरकत में आई और मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई। विजिलेंस की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बीते शनिवार को ठियोग एसडीएम कार्यालय का दौरा किया और वहां से पानी सप्लाई से जुड़े रिकॉर्ड कब्जे में लिए।
ठियोग के एसडीएम मुकेश ने बताया कि विजिलेंस टीम को सभी जरूरी दस्तावेज सौंप दिए गए हैं। इसके साथ ही जल शक्ति विभाग से संबंधित दस्तावेज लेने की प्रक्रिया भी चल रही है।
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि टैंकरों के नाम पर जिन वाहनों से पानी सप्लाई दिखाई गई। उनमें मोटरसाइकिल, कार और एक अफसर की गाड़ी के नंबर शामिल थे। इतना ही नहीं उन गांवों में भी पानी की सप्लाई का दावा किया गया जहां तक सड़क तक नहीं पहुंचती। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि एक पिकअप वाहन से एक ही दिन में 819 किलोमीटर और दूसरे दिन 614 किलोमीटर पानी की सप्लाई दर्शाई गई। यह फर्जीवाड़ा आईटीआई से सूचना प्राप्त करने पर उजागर हुआ।
10 अफसर निलंबित, ठेकेदार ब्लैकलिस्ट
मामले में दोषी पाए गए जल शक्ति विभाग के 10 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें दो अधिशासी अभियंता, तीन सहायक अभियंता, चार कनिष्ठ अभियंता और एक सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं। निलंबित अधिकारियों को जल शक्ति विभाग के मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। साथ ही घोटाले में शामिल ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
इस घोटाले की शिकायत ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने सरकार से की थी। उन्होंने मुख्य सचिव से इस मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड को सीज कर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा