नाइन डॉट्स स्क्वेयर्स का तीसरा संस्करण शुक्रवार से आरआईसी में

जयपुर, 30 जनवरी (हि.स.)। तीन दिवसीय डिजाइन उत्सव नाइन डॉट्स स्क्वेयर्स का तीसरा संस्करण शुक्रवार से आरआईसी में शुरू होगा। इसमें जयपुर के पारंपरिक शिल्प कौशल को आधुनिक डिजाइन के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। इस कार्यक्रम में हस्तनिर्मित उत्पादों की अनूठी प्रस्तुति होगी जिसमें मोची टाका, आइनाकारी, मेटल ठुकाई, पिछवाई पेंटिंग, पीतल और पत्थर की इनले जैसे शिल्पों को नए उत्पादों के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। फेस्टिवल की एक खास झलक के तौर पर पेपर हनी कॉम्ब बोर्ड का उपयोग करके गैलरी बनाई जाएगी। साथ ही, जयपुर और आसपास की बावड़ियों के संरक्षण और महत्व पर ध्यान केंद्रित करते हुए विशेष अनुभव तैयार किया गया है।

फेस्टिवल में आगंतुकों के लिए क्ले के साथ एक अनूठा अनुभव तैयार किया गया है, जहां आंखें बंद करके आर्ट बनाने की गतिविधि आयोजित होगी। हर वर्ग के लोग इसमें भाग ले सकते हैं। इसके अलावा, भारतीय कारीगरों और इनोवेटिव कंपनियों की कहानियां भी साझा की जाएंगी।

इस आयोजन में आईआईए राजस्थान चैप्टर, विक्की राजस्थान आर्किटेक्चर काउंसिल, टाई राजस्थान और आईआईआईडी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान भी भाग ले रहे हैं। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए टाई ने उन्हें अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का अवसर दिया है।

क्यूरेटर रितु खंडेलवाल ने बताया कि यह उत्सव जयपुर विरासत फाउंडेशन और बावड़ी बाईसा जैसे संगठनों के साथ मिलकर तैयार किया गया है। बसंत के अवसर पर महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी और प्रहलादपुरा की बावड़ी का विशेष इंस्टॉलेशन प्रदर्शित किया जाएगा। प्रतिभागियों को इस बावड़ी का दौरा भी कराया जाएगा।

एनडीएस की कोर टीम ने स्थानीय आर्किटेक्ट्स और आर्टिजन्स के साथ मिलकर पारंपरिक शिल्प को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करने की दिशा में काम किया है। हनी कॉम्ब बोर्ड पार्टीशन जैसी अनूठी सामग्री का उपयोग किया गया है, जिसे रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, लंदन द्वारा समर्थित किया गया है।

फेस्टिवल की आर्टिसन्स रीइन्वेंटेड थीम के तहत रईस और रियाज खान की पिछवाई पेंटिंग, मोची टाका, आइनाकारी, पीतल और पत्थर की इनले जैसी कलाकृतियों का विशेष प्रदर्शन किया जाएगा। इन शिल्पों को आधुनिक संदर्भ में पुनर्परिभाषित करने के लिए रितु खंडेलवाल ने सावधानीपूर्वक काम किया है। उनका मानना है कि इन परंपराओं को आधुनिक समय के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए जीवित रखा जा सकता है।

गौरतलब है कि नाइन डॉट्स स्क्वेयर्स जयपुर को डिजाइन कैपिटल ऑफ इंडिया के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है। यह उत्सव न केवल कला और डिजाइन का प्रदर्शन करेगा बल्कि स्थिरता और सामुदायिक जुड़ाव पर भी जोर देगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

   

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