तेरह दिवसीय खादी मेला का हुआ समापन

सहरसा, 29 दिसंबर (हि.स.)।

शहर के पटेल मैदान में बिहार खादी ग्राम उद्योग बोर्ड द्वारा विगत 17 से 29 दिसंबर तक 13 दिवसीय आयोजित मेला का समापन किया गया। इस मेल में खादी बोर्ड पटना के 110 संस्था संगठन संबंधित है जो बोर्ड द्वारा बिहार के विभिन्न जिलों में खादी की बिक्री को बढ़ाने के लिए मेला का आयोजन किया जाता है। खादी के प्रति समर्पित वासुदेव खादी ने बताया कि वे सीतामढ़ी के ललित आश्रम में विगत 34 वर्षों से खादी व्यवसाय में समर्पित है।

उन्होंने कहा कि खादी उत्पादन पर बिहार बोर्ड द्वारा 10% की छूट मिलती है। उन्होंने कहा कि इस बार मेला में विगत वर्ष जैसा बिक्री नहीं हुआ। इसके कारण अधिकतर दुकानदार काफी मायूस हैं। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष जनवरी महीने में इस मेला का आयोजन किया गया था लेकिन इस बार पेमेंट का समय नहीं रहने के कारण लोगों की उतनी खास बिक्री नहीं रही। उन्होंने बताया कि मेला से गरीब तबके के लोगों को रोजी-रोटी एवं रोजगार मुहैया होती है। जबकि बड़े-बड़े मॉल में खरीदने पर सभी पैसे पूंजी पतियों के पास पहुंच जाता है। लेकिन अगर अभी आप खादी खरीदते हैं तो खादी बनाने वाले बुनकर एवं कतिन का घर आवाद होता है।

खादी की बिक्री होने से इस काम में लगे गरीब लोगों को का घर रोशन एवं खुशहाल होता है।उन्होंने बताया कि मेरे प्रतिष्ठान में जैकेट ब्लेजर कोट कुर्ता पजामा स्वेटर एवं खादी शर्ट का बिक्री किया जाता हैववासुदेव खादी ने बताया कि सरकार द्वारा खादी वस्त्र की बिक्री बढाने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से सप्ताह में एक दिन अवश्य खादी पहनने की सलाह दी ताकि स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री बढ़ें। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा सीतामढ़ी गया भागलपुर पूर्णिया एवं सहरसा में आयोजित मेले में अपनी खादी का स्टाल लगाकर लोगों को खादी पहनने के लिए प्रेरित करते हैं।वही स्वयं भी खादी का वस्त्र ही धारण करते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार

   

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