ट्रिपल आईटी : आगामी महीनों में कई एमओयू होने की सम्भावना

-तीन दिवसीय रजत जयंती पुरा छात्र सम्मेलन सम्पन्न

प्रयागराज, 29 सितम्बर (हि.स.)। सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद (ट्रिपल आईटी) का तीन दिवसीय रजत जयंती वैश्विक पुरा छात्र सम्मेलन रविवार को झलवा परिसर में उत्साह और नयी सम्भावनाओं के साथ सम्पन्न हुआ। अंतिम दिन रविवार को प्रशासनिक ब्लॉक में उद्योग-अकादमिक सहयोग पर मैराथन चर्चा हुई। पूर्व छात्रों और संकाय सदस्यों ने संयुक्त रूप से काम करने की व्यवहार्यता पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। परिणामस्वरूप आने वाले महीनों में कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की सम्भावना है।

मुख्य अतिथि और ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रो. मुकुल शरद सुतावाने ने पुरा छात्रों के साथ सहयोग करने और इससे ठोस परिणाम लाने में पारस्परिक लाभ के अवसर पर प्रकाश डाला। इसको साकार करने के लिए उन्होंने परिसर में एक उद्योग संचालित केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया, जो छात्रों को स्नातक होने तक उद्योग के लिए तैयार कर सके।

छात्र अत्याधुनिक तकनीकों की खोज के लिए नवोन्मेषी दिमाग का उपयोग कर सकते हैं, जिनका संस्थान में ही शोध और अनुकरण किया जा सकता है। उन्होंने उद्योग अकादमिक सम्मेलन पर एक समझौता ज्ञापन का प्रस्ताव रखा। जिसमें विभिन्न उद्योगों के पूर्व छात्रों से जुड़ाव और उत्पादक योगदान प्राप्त करने की क्षमता है, जिससे संस्थान के विकास की दिशा में प्रभावशाली परिणाम सामने आ सकते हैं। निदेशक ने कहा इस तरह के सम्मेलन के माध्यम से सहयोग यूपी और उत्तर भारत की छवि और चेहरा बदल सकता है और विकास के उभरते केंद्रों के रूप में विकसित हो सकता है।

पुरा छात्र मामलों के डीन प्रो. अनुपम अग्रवाल ने पुरा छात्र संघ को सहयोग के लिए नवीन विचारों और समझौता ज्ञापनों के माध्यम से साझेदारी को औपचारिक बनाने के माध्यम से संस्थान का समर्थन जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा हम प्लेसमेंट में मिले समर्थन के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं और अब उनसे अपने ज्ञान और उद्योग विशेषज्ञता को साझा कर छात्रों को अत्याधुनिक तकनीकों में महारत हासिल करने और वर्तमान उद्योग के रुझानों को समझने में मार्गदर्शन करने के लिए एक कदम आगे बढ़ाने का अनुरोध करते हैं।

प्रो. जी सी नंदी ने कहा कि उद्योग संस्थान साझेदारी भविष्य में सतत् विकास के लिए संस्थान के संसाधनों और संस्थान के छात्रों की बौद्धिक प्रतिभा की सहायता से इन-हाउस उद्योग बनाने का एक तरीका हो सकता है। उन्होंने संस्थान के समग्र मार्गदर्शन और मार्गदर्शन के साथ चौथे वर्ष के बी.टेक छात्रों के लिए स्टार्टअप संस्कृति विकसित करने की आवश्यकता जताई।

प्रो यू.एस. तिवारी ने एलएलएम, सूचना पुनर्प्राप्ति और डिजिटल लाइब्रेरी जैसे क्षेत्रों में मानक पेटेंटिंग चर्चा के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया। प्रो. ओपी व्यास ने एमओयू कार्यान्वयन के व्यावहारिक पहलुओं पर अपने अनुभव साझा किए। प्रो माधवेंद्र मिश्रा ने एमओयू प्रक्रिया पर चर्चा की। इस अवसर पर अपनी कम्पनियों वाले उद्योगों के पुरा छात्रों ने अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।

जेडएस एसोसिएट्स के शिवम ने छात्रों द्वारा समय के सर्वोत्तम उपयोग के बारे में बात की, जो उन्हें उद्योग के लिए तैयार बनाता है। उन्होंने सर्वांगीण विकास के लिए परामर्श संस्कृति के बारे में भी बात की। दूरसंचार विभाग में इंजीनियर सतीश कुमार ने इको-स्टार्टअप संस्कृति पर ध्यान केंद्रित किया, जो समाज में अपने बच्चे के अस्तित्व के लिए माता-पिता की तरह काम करेगी। पुनीत आर. सहारे, सीटीओ, सिम्पल टेकलैब्स ने अपनी कम्पनी, सिम्पल टेकलैब्स द्वारा प्रदान किए गए स्वचालित समाधान के बारे में बात की। उन्होंने आईआईआईटी इलाहाबाद के छात्रों द्वारा उनके सहयोग और संसाधन उपयोग की पेशकश की।

कॉमविवा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष बिंदेश पांडे ने छात्रों को शिक्षित कर और उन्हें उद्योग के लिए संसाधन-तैयार करके उद्योग में मूल्य जोड़ने के बारे में प्रकाश डाला जो प्लेसमेंट को बढ़ावा देगा। उन्होंने कोडिंग पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया, बल्कि कैप्सूल पाठ्यक्रमों को अपनाकर प्रबंधन कौशल पर भी जोर दिया। इनके अलावा, अमनदीप सिंह, सीआईएसओ, अमेजन पे, मदन कुमार पेरनाती पार्टनर आरबीई लैब्स हैदराबाद, मनु शर्मा, टीएमईजीएस, एक्स इंडस्ट्री, और ग्लोबल्स के लिए एडब्ल्यूएस प्रोसर्व इंडिया के सेल्स हेड, रोहित श्रीवास्तव, सीईओ, दपार्थ टेक एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड, शकील अहमद, हेड सूचना सुरक्षा और डेटा सुरक्षा, सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट इंडिया, शैलेंद्र सक्सेना, सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर, माइक्रोसॉफ्ट ने सुबह के सत्र में अपने विचार साझा किए।

उसके पश्चात के सत्र में कई उद्योग प्रतिनिधियों ने शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग और ट्रिपल आईटी के साथ सम्भावित सहयोग क्षेत्रों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। देवी कोल्ली, सह संस्थापक और सीईओ “प3 सिमुलेशन“ यूके ने स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति के लिए विस्तारित वास्तविकता सिमुलेशन पर बात की। उन्होंने बताया कि सिमुलेशन समय लेने वाला और जटिल है, जिसके लिए एक पुनरावृत्त प्रक्रिया की आवश्यकता होती है। प्रजय कामत (सीटीओ और सह-संस्थापक मर्जएक्सआर स्टूडियोज लिमिटेड, यूके) ने ऑनलाइन मोड में मर्जएक्सआर पारिस्थितिकी तंत्र और सेवाओं के ढांचे के बारे में बात की। उन्होंने क्रोमा स्क्रीन-आधारित तकनीक पर चर्चा की।

शुभम शर्मा, संस्थापक, इकिगाई कंसल्टिंग ने इकिगाई के बारे में चर्चा की जो एक समग्र ढांचा है। यह व्यक्तियों को संतुलित और सार्थक जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने ट्रिपल आईटी के छात्रों हेतु इंटर्नशिप और नौकरी की पेशकश की। तितली बनर्जी (प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, सेंटिफिक हैदराबाद और गगन अग्रवाल, सेल्स लीडर आईबीएम करियर एजुकेट ने अपने विचार व्यक्त किये।

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

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