जयपुर, 28 जनवरी (हि.स.)। जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में बसंत ऋतु के आगमन पर आयोजित बसंत के रंगों से सराबोर करने वाले नृत्य उत्सव ‘बसंत बहार’ का आगाज़ मंगलवार को हुआ। कार्यक्रम में अदिति शर्मा ने कथक की प्रस्तुति दी वहीं रीला होता व समूह के कलाकारों ने ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति से समां बांधा। बसंत बहार उत्सव के दूसरे दिन बुधवार को शाम 6 बजे डॉ. तरुणा जांगिड़ एवं समूह कथक और शान्तनु शर्मा एवं समूह के कलाकार भरतनाट्यम एवं कथक संयोजन की प्रस्तुति देंगे।
अदिति ने राग केदार में निबद्ध गणेश वंदना पर कथक करते हुए प्रथम पूज्य के चरणों में नमन किया। राग नंद में जयपुर घराने की पारंपरिक गणेश स्तुति ‘विघ्न हरण गौरी के नंदन’ पर प्रस्तुति दी। इसके पश्चात तीन ताल में पारंपरिक कथक पेश किया गया। अंत में राग बसंत में बसंत ऋतु पर आधारित रचना पर कथक ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सितार पर हरिहर शरण भट्ट, गायन में मुन्ना लाल भट्ट और तबले पर मुजफ्फर रहमान ने संगत की। कथक गुरु किरण मंजरी ने पढंत किया।
प्रसिद्ध कलाकार रीला होता व साथी कलाकारों ने शास्त्रीय नृत्य ओडिसी की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। सर्वप्रथम उन्होंने मंगलाचरण करते हुए अग्नि, जल और परमात्मा की स्तुति की। इसके बाद प्रस्तुति में आंगिक मुद्राओं और भाव भंगिमाओं के प्रभावी समावेश के साथ महिलाओं का सम्मान और परिवार में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। आखिर प्रस्तुति
सन्यास आश्रम पर आधारित रही जिसमें मोक्ष की प्राप्ति के लिए किया गया अंतिम प्रयास प्रदर्शित किया गया। भाव, मुद्राएं और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर इस प्रस्तुति ने दर्शकों का न केवल मनोरंजन किया बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अनुभव भी दिया। प्रस्तुति में रीला होता के साथ, सचिकांत प्रधान, किरण माझी और शोशन्ना शुभदर्शिनी ने मंच साझा किया।
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