शिमला: जौंनांग बौद्ध मठ से तीन लापता बाल भिक्षु सकुशल बरामद
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- May 14, 2025

शिमला, 14 मई (हि.स.)। राजधानी शिमला के उपनगर संजौली स्थित जौंनांग बौद्ध मठ से अचानक लापता हुए तीन नाबालिग भिक्षुओं को पुलिस ने ढली बाईपास क्षेत्र से सकुशल बरामद कर लिया है। बीते रविवार 11 मई को तीनों बच्चे बिना किसी को बताए मठ से गायब हो गए थे।
मठ प्रशासन ने पूरे दिन बच्चों को तलाशने की कोशिश की लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो 12 मई को ढली थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। ढली पुलिस ने बीएनएस की धारा 137(2) के तहत मामला दर्ज कर तलाशी अभियान शुरू किया।
शिमला के एएसपी रत्न सिंह नेगी ने बताया कि तीनों नाबालिग आज बुधवार को ढली बाईपास क्षेत्र से मिल गए हैं और वे पूरी तरह सुरक्षित हैं। वर्तमान में उनकी काउंसलिंग की जा रही है और उन्हें वापस मठ प्रबंधन को सौंप दिया गया है। पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि वे मठ से क्यों निकले थे।
मामले के अनुसार जौंनांग मठ के प्रबंधक सैंगे दोरजे ने इस घटना की सूचना दी थी। वे पिछले एक वर्ष से मठ में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि यहां लगभग 150 बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। लापता हुए बच्चे पश्चिम बंगाल और अरुणाचल प्रदेश से संबंध रखते हैं, जिनकी उम्र 11 से 13 वर्ष के बीच है।
उल्लेखनीय है कि एक माह पहले भी इसी मठ से दो बाल भिक्षु लापता हो गए थे। वे घूमने निकले थे और रास्ता भटक गए थे जिन्हें पुलिस ने 12 घंटे में ढूंढ निकाला था।
जौंनांग टेकन फुत्सोक चोलिंग मठ भारत में जौंनांग परंपरा का एकमात्र मठ है, जिसकी स्थापना 1963 में अमदो लामा जिन्पा द्वारा की गई थी। यह मठ संजौली की एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है जहां सौ से अधिक भिक्षु निवास करते हैं और बच्चों को तिब्बती बौद्ध परंपरा के अनुसार धार्मिक शिक्षा दी जाती है।
यहां भिक्षुओं द्वारा प्रार्थना के रंग-बिरंगे झंडे पहाड़ी पर लगाए जाते हैं जो तिब्बती संस्कृति में शांति और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। लापता हुए तीनों बाल भिक्षु भी इस धार्मिक परंपरा के प्रशिक्षण में शामिल थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा