मानवता की सेवा चिकित्सा सेवा का मूल उद्देश्य : डॉ. वाजपेयी
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- Nov 20, 2024
-महायोगी गोरखनाथ विवि में एमबीबीएस और बीएएमएस के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के दीक्षारंभ समारोह का समापन
गोरखपुर, 20 नवंबर (हि.स.)। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर के पूर्व कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि मानवता की सेवा सबसे बड़ा धर्म है और चिकित्सा सेवा का मूल उद्देश्य ही मानवता की सेवा है। एक चिकित्सक को सदैव अपने सेवा धर्म को याद रखना चाहिए।
डॉ. वाजपेयी बुधवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के एमबीबीएस प्रथम बैच और गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के दीक्षारंभ समारोह के समापन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि ईश्वर ने आपको एक विशिष्ट कार्य के लिए चुना है। यह कार्य है मानवता की सेवा करना। पूरी उम्मीद है कि आप आरोग्यधाम में चिकित्सा ज्ञान प्राप्त करके पूरे विश्व को आरोग्यधाम बनाएंगे। डॉ. वाजपेयी ने कहा कि आत्मनिर्भर बनकर रोजगार प्रदान करने वाला बनना होगा। एलन मस्क का उदाहरण देते हुए कहा कि आपको नई टेक्नोलॉजी को सीखते हुए अपनी स्वयं की एक नई विधा बनानी होगी, तभी आप दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना पाएंगे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित एमपी बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के निदेशक एवं प्रसिद्ध कैंसर सर्जन डॉ. संजय माहेश्वरी ने चिकित्सा विज्ञान के अध्ययन क्षेत्र में आए विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि एक योग्य चिकित्सक बनने के लिए सतत अध्ययन, विषय वस्तु पर मंथन और अनुसंधान की दृष्टि बहुत जरूरी है। दीक्षा पाठ्यचर्या के दौरान विभिन्न अतिथि व्याख्यान ने विद्यार्थियों की शैक्षणिक यात्रा में एक अच्छी नींंव रखने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि भगवान की सबसे अच्छी रचना मनुष्य है और ईश्वर ने अपनी सबसे अच्छी कृति की चिकित्सा सेवा के लिए चिकित्सकों को चुना है। विशिष्ट अतिथि एमपी बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की सर्जन डॉ. रेखा माहेश्वरी ने सभी विद्यार्थियों को चिकित्सा क्षेत्र में चयनित होने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं।
दीक्षारंभ समारोह के समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने कहा कि बीएएमएस और एमबीबीएस विद्यार्थियों को मिलकर कार्य करना होगा। आपको केवल चिकित्सकीय प्रमाण पत्रों के लिए ही नहीं ज्ञान के लिए पढ़ना होगा। आप सभी भविष्य में देश के नेतृत्वकर्ता हैं। आपको गुणवत्ता युक्त चिकित्सीय ज्ञान प्राप्त करना होगा। अपने अध्ययन के दौरान शोध और अनुसंधान को भी बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि पन्द्रह दिवसीय दीक्षा पाठ्यचर्या एक बड़े अध्याय का आरंभ है। सफल होने का एकमात्र तरीका समग्र दृष्टिकोण है। आप आरोग्यधाम में हैं। आरोग्य प्रदान करने के लिए स्वजीवन समर्पित करना होगा, यही राष्ट्र की सच्ची सेवा होगी।
इस अवसर परआयुर्वेद काॅलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम, एमबीबीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरविन्द कुशवाह ने सभी अतिथियों और कुलपति को स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। आभार ज्ञापन कार्यक्रम संयोजिका डॉ. देवी नायर ने किया। कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, डॉ. विनम्र शर्मा, डॉ. राजेश बहल, डॉ. साध्वी नन्दन पाण्डेय, डॉ. दीपू मनोहर, डॉ. मिनी, बीएएमएस और एमबीबीएस के सभी नव प्रवेशित विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय