जांजगीर चांपा : थाना में पदस्थ विवेचकों एवं सीसीटीएनएस ऑपरेटरों को दिया जा रहा आईरेड/ई डार का प्रशिक्षण

जांजगीर चांपा :जिले के थाना/चौकियों में पदस्थ विवेचको एवं CCTNS ऑपरेटरों को दिया जा रहा iRAD/eDAR का प्रशिक्षण

कोरबा/जांजगीर चांपा, 16 जून(हि. स.)। रोड एक्सीडेंट को दृष्टिगत रखते हुए, दुर्घटना में पीड़ित पक्षों को समय पर मुआवजा भुगतान के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक जांजगीर चांपा विजय कुमार पाण्डेय (आईपीएस) के निर्देशन पर एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात उदयन बेहार के नेतृत्व ।जिले के थाना/चौकियों में पदस्थ समस्त विवेचको एवं सीसीटीएनएस ऑपरेटरों का थानों में आईरेड/ई डार का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आईरेड की डीआरएम साधना गुप्ता एवं निरीक्षक लालन पटेल यातायात शाखा जांजगीर के द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान थाना/चौकी, चाम्पा, जांजगीर, शिवरीनारायण, नवागढ़, बलौदा, अकलतरा, नैला, पंतोरा, राहौद में पदस्थ विवेचको को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, बाकी शेष थाना के विवेचकों को 17 व 18 जून को दिया जाएगा।

ई-डार यानी इलेक्ट्रॉनिक डिटेल्स एक्सीडेंट रिपोर्ट के कार्यों को गति दिए जाने को लेकर जिले के थाना/चौकियों में पदस्थ विवेचकों एवं सीसीटीएनएस ऑपरेटरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सड़क दुर्घटना में मृत लोगों के परिजन को समय पर मुआवजा भुगतान के लिए आइरेड और इ-डार पर दुर्घटना संबंधित रिपोर्ट थाना द्वारा अपलोड करनी होती है। प्रशिक्षण में क्रमवार जानकारी अपलोड करने की जानकारी दी जा रही है।

इस आनलाइन एप पर सड़क दुर्घटना की रिपोर्ट के अपलोड करने में विलंब होने के कारण मृतक के परिवार को मुआवजा भुगतान में विलंब होता है, जिसको दृष्टिगत रखते हुए पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा एक दिलाने के उद्वेश्य से इस प्रशिक्षण का आयोजन कराया जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर पर डाटा अपलोड नहीं हो पाने के कारण मुआवजा भुगतान में विलंब होता था। इसलिए यह प्रशिक्षण दिलाया गया, ताकि पीड़ित पक्ष को शीघ्र मुआवजा उपलब्ध हो सके। इस पोर्टल के पीछे शासन का मकसद यह है कि डिजिटल सिस्टम का फायदा लोगों को मिले और पीड़ित परिवार लोगों को मुआवजा भुगतान में परेशान न हो। आईरेड की डीआरएम साधना गुप्ता दौरान बताया कि इ -डार रिपोर्ट में एक से लेकर 10 तक फॉर्मेट भरना जरूरी होता है, इसे कैसे भरा जाता है, जिसकी जानकारी दी गई। सभी फॉर्मेट को संबंधित मामले के अनुसंधानकर्ता द्वारा ही भरा जाना है।

हिन्दुस्थान समाचार/हरीश तिवारी

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हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

   

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