भारतीय संस्कृति के गौरव को बढ़ाने में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण: प्रो.बिहारी लाल शर्मा
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- Mar 02, 2025
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—महारानी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशती जयंती समारोह मनाया गया
वाराणसी,02 मार्च (हि.स.)। भारतीय संस्कृति के गौरव को बढ़ाने में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे देश की महिलाएं न केवल परिवार और समाज में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं, बल्कि वे राष्ट्र के गौरव में भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह उद्गार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा के है।
कुलपति प्रो. शर्मा रविवार को विश्वविद्यालय परिसर स्थित पाणिनी भवन सभागार में आयोजित माता अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशती जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने कहा कि भारतीय इतिहास में कई ऐसी महिलाएं हुईं हैं जिन्होंने अपने ज्ञान, साहस और नेतृत्व क्षमता से देश की सेवा की है। इनमें से माता अहिल्याबाई होल्कर का जीवन और कार्य वास्तव में प्रेरणादायक हैं। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं। माता अहिल्याबाई होल्कर ने अपने जीवनकाल में समाज सेवा के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने गरीबों और असहाय लोगों की मदद के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए। कुलपति प्रो. शर्मा ने कहा कि माता अहिल्याबाई होल्कर ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ महेन्द्र कुमार ने कहा कि माता अहिल्याबाई होल्कर ने सांस्कृतिक विकास के लिए भी कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने कई मंदिरों और सांस्कृतिक स्थलों की स्थापना की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और भारतीयता का प्रयोग स्व परिवार की भावना से कार्य करने में निहित है। यह भावना हमें अपने परिवार, समाज और देश के प्रति जिम्मेदार और समर्पित बनाती है। जब हम स्व परिवार की भावना से कार्य करते हैं, तो हम अपने कार्यों में निष्ठा, समर्पण और सेवा भाव को शामिल करते हैं। विशिष्ट अतिथि आर्य महिला पीजी कालेज की प्राचार्या प्रो. रचना दूबे ने कहा कि माता अहिल्याबाई ने महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उनका जीवन संघर्षपूर्ण था। कार्यक्रम में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ अरविन्द पाठक ने कहा कि माता अहिल्याबाई ने धर्म, संस्कृति एवं संस्कारों की रक्षा की । उन्होंने महिलाओं के खिलाफ प्रचलित कुप्रथाओं को दूर किया। उनका जीवन समाज के प्रत्येक नागरिक के लिए महत्त्वपूर्ण है। समारोह में विषय प्रस्तावना विवि के संस्कृत विद्या विभाग के प्रो.रविशंकर पाण्डेय ने किया। समारोह में महारानी अहिल्याबाई होल्कर स्मृति सम्मान के लिए चयनित वाराणसी के विभिन्न शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रो .शैलेश कुमार मिश्र, प्रो. हीरक कान्ति चक्रवर्ती, प्रो. रमेश प्रसाद, प्रो. महेंद्र पाण्डेय, डॉ सुरेश उपाध्याय आदि भी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी