सूरत के सब्जी मार्केट में नकली नोट के साथ दो लोग पकड़े गए

-पश्चिम बंगाल के बांग्लादेश के बॉर्डर से लाए थे नकली नोट, मुंबई में 3 बार नकली नोट खपा चुके थे आरोपी

सूरत, 17 मार्च (हि.स.)। सूरत के पुणागाम सब्जी मार्केट में 500 रुपये के नकली नोट चलाने की कोशिश कर रहे दो आरोपियों को सूरत की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने पकड़ा है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 9 हजार के नकली नोट समेत अन्य सामान कब्जे में लिया है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि जब वे नकली नोट चलाने बाजार में जाते थे तो मावा कोड वर्ड का उपयोग करते थे, बाद में जब नोट चलाने में सफल होते तो शेकेलो मावो कोड वर्ड का उपयोग करते थे।

एसओजी पुलिस के अनुसार पकड़े गए 2 आरोपी विजय चौहाण और सुरेश उर्फ गुरुजी उर्फ चकोर है। इनमें सुरेश पश्चिम बंगाल के बांग्लादेश बॉर्डर के समीप मालदा क्षेत्र से जुड़ा है। आरोपी सुरेश ने बांग्लादेश बॉर्डर के समीप रहने वाले एक व्यक्ति से नकली नोट प्राप्त किया था। सुरेश पर पहले से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने 3 केस कर रखा है। आरोपी इससे पहले 3 बार मुंबई आकर नकली नोट चला चुका है। एसओजी के डीसीपी राजदीपसिंह नकुम ने बताया कि एसओजी को 15 दिन से सूचना मिल रही थी कि कई लोग नकली नोट पान की दुकान और सब्जी मार्केट में चला रहे हैं। पुलिस ने इस दिशा में जांच करते हुए दो आरोपी विजय चौहाण और सुरेश को गिरफ्तार किया है। इन दोनों के घर पर छापेमारी कर सुरेश के पास से 5000 और विजय के पास से 4000 रुपये के नकली नोट जब्त किए गए हैं।

डीसीपी ने कहा कि यह हाई क्वॉलिटी फेक करेंसी का मामला है। इन सभी नकली नोट बनाने के लिए हाई क्वॉलिटी पेपर, थ्रेड और वाटर मार्क का उपयोग किया गया है। हाई क्वालिटी प्रिंटिंग होने के कारण जब यह किसी सामान्य व्यक्ति के हाथ में आता है, तो यह पता नहीं चलता है कि नकली नोट है। लोग इसे सही नोट समझ कर इस्तेमाल करते हैं। आरोपी ने पश्चिम बंगाल के ताहिर शेख के पास से 2 लाख रुपये देकर 6 लाख रुपये के नकली नोट प्राप्त किए थे। आरोपी एक लाख रुपये देकर 3 लाख रुपये का नकली नोट लाते थे। इस तरह उन्होंने 3 बार नकली नोट सूरत लाया था। अभी तक आरोपियों ने 6 लाख रुपये के नकली नोट बाजार में चला दिए थे। एसओजी पुलिस के अनुसार सूरत में नकली नोट मामले में पकड़ा गया आरोपी सुरेश का आपराधिक रिकॉर्ड है। सुरेश को अपराध जगत में गुरुजी के नाम से भी जाना जाता है। नकली नोट बनाने और उसे बाजार में चलाने में आरोपी की विशेषज्ञता मानी जाती है। अलग-अलग आपराधिक मामलों में वह 6 साल तक जेल में रह चुका है। सुरेश पर पूर्व में एनआईए, एटीएस, डीसीबी और जूनागढ़ थाने में कई नकली नोट के मामले दर्ज हैं।

पुलिस के अनुसार इस केस में बांग्लादेश कनेक्शन की आशंका को लेकर जांच की जाएगी। पश्चिम बंगाल के निवासी ताहिर शेख पश्चिम बंगाल के मालदा का निवासी है, जो बांग्लादेश बॉर्डर के समीप है। ताहिर शेख पश्चिम बंगाल में नकली नोट छापता था या बांग्लादेश से मंगवाता था, पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है। एसओजी की एक टीम आरोपी ताहिर को पकड़ने को लेकर कार्रवाई में जुटी है। आरोपी विजय चौहाण ने ऑनलाइन बिजनेस साइट के जरिए मेड इन चाइना करेंसी डिटेक्टर मशीन मंगवाई थी। इस मशीन से सेकंड के अंदर असली और नकली नोट की पहचान की जा सकती है। नोट यदि नकली होगा तो इसमें हरा रंगा का डॉट दिखाई देता है। सरकारी बैंकों में इस मशीन का उपयोग होता है। दोनों आरोपी नकली नोट को खपाने के लिए कैटरिंग के व्यवसाय से भी जुड़े थे। यहां वे एक ओर पान-गुटका की दुकानों समेत सब्जी मार्केट में नकली नोट भी खपाने में सक्रिय रहते थे। सूरत में अलग-अलग लोगों के जरिए नकली नोट खपाया जाता था। इसके लिए आरोपियों ने एक गैंग भी बनाए थे। एसओजी के अनुसार सूरत और आसपास के क्षेत्र में आरोपियों ने 6 लाख मूल्य के नकली नोट बाजार में चला दिए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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