उप्र में बादशाहत खोने के बाद बसपा की बनती जा रही वोट कटवा की पहचान
- Admin Admin
- Nov 24, 2024
लखनऊ, 24 नवम्बर (हि.स.)। कभी उप्र में प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली बसपा का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। उप्र के विधानसभा उपचुनाव में बसपा को अपने परंपरागत वोट पाने में भी जू केझना पड़ा। स्थिति यह रही कि बसपा सिर्फ दो सीटों कटेहरी और मझवां में अपनी जमानत बचा पायी। 2022 के चुनाव में 12.88 प्रतिशत वोट पाने वाली बसपा इस बार उपचुनाव में 9.39 प्रतिशत पर सिमट गयी। ऐसे में अब यह कहा जाय कि बसपा सिर्फ वोट कटवा पार्टी के रूप में सिमट गयी है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
इस उपचुनाव में बसपा के दिग्गज भी निष्क्रिय रहे। शायद बसपा पहले ही जान गयी थी कि सपा-भाजपा के बीच वह फ्लाप साबित होगी। इसी कारण बड़े नेता किनारे रहे। केवल सोशल मीडिया पर ही मायावती वोट मांगती नजर आयी। बसपा में दूसरी पंक्ति के नेता सतीश चंद्र मिश्रा या आकाश आनंद भी चुनाव प्रचार करने नहीं निकले। बड़े नेताओं ने चुनाव मैदान में अपने उम्मीदवारों को उतारकर उनको उनके हाल पर ही छोड़ दिया। यही कारण रहा कि नौ में से चार पर बसपा उम्मीदवार 10 हजार का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में आने के बाद बसपा का उप्र में वोट प्रतिशत देखें तो 2009 के लोकसभा चुनाव में उप्र में 27.42 प्रतिशत वोट शेयर के साथ ही 20 उम्मीदवार जिताने वाली बसपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद 2014 में 22.39 प्रतिशत वोट तक सिमट गयी। यही नहीं 2014 में उसके एक भी उम्मीदवार लोकसभा में नहीं जा सके। वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बसपा को 22.23 प्रतिशत वोट मिले, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन के बावजूद बसपा ने 19.49 प्रतिशत वोट हासिल किये। 2022 के चुनाव में 12.88 प्रतिशत पर बसपा आ गयी। वहीं 2024 में बसपा ने 9.39 प्रतिशत वोट हासिल किया है।
इस बार विधानसभा की नौ सीटों पर हुए चुनाव में सीट वार बसपा का वोट प्रतिशत देखें तो कटेहरी में 18.23 प्रतिशत, मझवां में 17.32 प्रतिशत, मीरापुर में 1.75 प्रतिशत, कुंदरकी में .5 प्रतिशत, करहल में 4.07 प्रतिशत, खैर में 7.2 प्रतिशत, सीसामऊ में 1.06 प्रतिशत, फूलपुर में 11.46 प्रतिशत और गाजियाबाद में 6.98 प्रतिशत वोट बसपा को मिले हैं।
इतना जरूर रहा है कि अम्बेडकर नगर के कटेहरी सीट पर बसपा ने अमित वर्मा को उतारकर बसपा से सपा में गये लालजी वर्मा का खेल बिगाड़ दिया। सपा ने उनकी पत्नी शोभावती वर्मा को टिकट दिया था। शोभावती वर्मा की हार 34 हजार से हुई, जबकि बसपा उम्मीदवार अमित वर्मा को 40 हजार वोट मिले।
हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय