उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत उल्लास मेले का आयोजन

जयपुर, 21 जनवरी (हि.स.)। विद्यालयी शिक्षा और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि निरक्षरों में ज्ञान के दीप जलाना मानवता की परम सेवा है। उन्होंने कहा कि देश में बिना किसी शुल्क के निःस्वार्थ भाव से शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने वाले शिक्षक समाज के असल प्रेरक हैं, जो प्रदेश के दूर-सुदूर क्षेत्रों में भी शिक्षा की अलख को जगाए रखते हैं।

मत्री मदन दिलावर मंगलवार को जयपुर स्थित इंदिरा गांधी पंचायती राज और ग्रामीण विकास संस्थान में उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित उल्लास मेले में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पढ़ा-लिखा व्यक्ति अपने अधिकारों और दायित्वों के प्रति अधिक जागरूक और सजग होता है, इसलिए वर्तमान समय में सभी को शिक्षित होने के प्रयास करने चाहिए।

शिक्षा मंत्री ने उपस्थित नवसाक्षरों को पुरस्कृत किया और उनसे संवाद कर उन्हें निरंतर पढ़ते रहने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने संबोधन में डीडवाना-कुचामन की नवसाक्षर शांति देवी की पढ़ाई की रुचि की सराहना की। शांति देवी की पढ़ाई और लिखाई की लगन से सीखकर उन्होंने सभी निरक्षर लोगों को शिक्षित होने का आह्वान किया।

समारोह में जोधपुर की सुनीता देवी ने अपने पढ़ाई के अनुभव साझा करते हुए बताया कि शादी के बाद ससुराल में पढ़ना-लिखना सीखा और आज वे अंगूठे की जगह हस्ताक्षर करती हैं। नरेगा में काम करने वाली सुनीता देवी अब पैसे के हिसाब-किताब और योजना बनाने में भी पारंगत हो गई हैं। सुनीता देवी की तरह लाखों लोग लर्नर्स सर्टिफाइड हुए हैं।

इससे पूर्व मदन दिलावर ने राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद और जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, कोटा, सीकर, दौसा, जोधपुर, उदयपुर जिलों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनके द्वारा लर्नर्स के शिक्षण के लिए विकसित सामग्री और प्रयासों की सराहना की।

उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम स्वयंसेवी शिक्षण पर आधारित है। इसमें एनसीसी/एनएसएस के विद्यार्थी, बी.एड के इंटर्नशिप छात्र, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सेवानिवृत कार्मिक, भूतपूर्व सैनिक आदि स्वयंसेवक बिना किसी मानदेय के 15 वर्ष और अधिक आयु के निरक्षरों को पढ़ा रहे हैं। प्रदेश में अभी भी अनुमानित 80 लाख व्यक्ति निरक्षर हैं। वर्ष 2024-25 में 20 लाख असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है। उल्लास ऐप पर आज तक 15.68 लाख असाक्षरों का पंजीकरण किया जा चुका है। 22 सितंबर, 2024 को आयोजित वर्ष 2024-25 की प्रथम बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता एसेसमेंट टेस्ट में 5.20 लाख लर्नर्स उपस्थित हुए, जिनमें से 5.19 लाख लर्नर्स सर्टिफाइड हुए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा अनुसार आगामी वर्षों में राज्य को पूर्ण साक्षर किया जाना है।

कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल, प्रौढ़ शिक्षा भारत सरकार की निदेशक प्रीति मीणा और साक्षरता और सतत शिक्षा के निदेशक मेघराज सिंह रतनू और स्वयंसेवक व नवसाक्षर भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

   

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