कांग्रेस ने किया सवाल, आयात शुल्क कम कर चीन के साथ नरमी बरतने वाली मोदी सरकार बताये, चीन से क्या रिश्ता है

लखनऊ, 25 जुलाई (हि.स.)। ‘‘स्टार्ट अप इंडिया’’ और ‘‘मेक इन इंडिया’’ का शिगूफा छोड़ने वाली मोदी सरकार ने बेतहासा बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के दौर में पेश किये गये बजट में चीन के साथ अत्यंत नरमी बरतते हुए बहुत सारे प्रोडक्ट पर ‘‘आयात शुल्क’’ या तो समाप्त कर दिया है या ना के बराबर कर दिया है। ये बातें उप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन डा. सी.पी. राय ने गुरुवार को कही। उन्होंने कहा कि देशवासी जानना चाहते हैं मौजूदा ‘‘भारत चाइना सीमा विवाद’’ के बीच बीजेपी और एनडीए सरकार का चाइना के साथ क्या रिश्ता है?

डॉ0 राय ने कहा कि कड़वी सच्चाई यह है कि इस आर्थिक लाभ का प्रयोग चीन भारत के ही खिलाफ हमारी सीमाओं पर कब्जे और षड्यंत्र के लिए कर रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था सर्वेक्षण में स्पष्ट हुआ है कि वर्ष 2023-24 में भारत व चीन के बीच द्विपक्षीय कारोबार 118 अरब डॉलर के करीब है, जिसमें भारत से चीन को होने वाला निर्यात सिर्फ तकरीबन 17 अरब डॉलर का है। इस तरह से भारतीय व्यापार घाटा 84 अरब डॉलर से ज्यादा का हो चुका है। वहीं आज चीन हमारी भारतीय सीमाओं के अंदर करीब 6000 किलोमीटर जमीनों पर जबरन कब्जा भी कर चुका है, जहां पर चीन पुल सड़क बना रहा है और बस्तियां बसाने के साथ ही अपनी फौजी छावनी बनाने में लगा हुआ है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा बजट में चीन को आयात शुल्क में भारी कटौती दे कर भाजपा सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाया गया है। इसके दुष्परिणाम भी बहुत जल्द ही भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले हैं। श्री राय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी समेत विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि चीन की विशाल अर्थव्यवस्था के सामने अकेले भारत अपने दम पर खड़ा नहीं हो सकता है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी गलवान घाटी में करीब दो दर्जन भारतीय सैनिकों की शहादत होने के बावजूद दुर्भाग्यपूर्ण बयान पहले ही दे चुके है कि ‘‘ना कोई आया है, ना कोई घुसा है’’।

हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय / बृजनंदन यादव

   

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