भारत के समग्र विकास की परिकल्पना को साकार करेगा केंद्रीय बजटः पंकज चौधरी

- प्रधानमंत्री मोदी के 2047 के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने वाला है बजटः केन्द्रीय मंत्री जबलपुर, 19 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करेगा। केंद्रीय बजट संपूर्ण भारत के समग्र विकास की परिकल्पना को साकार करने वाला है। इस बजट में गरीब, युवा, अन्नदाता और महिलाओं यानी ज्ञान (GYAN) के मुख्य स्तंभों के अतिरिक्त मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को फिर दोहराया है, ताकि उसकी क्षमता को बढ़ाया जा सके और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को सुरक्षित किया जा सके।

केन्द्रीय मंत्री चौधरी बुधवार को जबलपुर में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रस्तुत केन्द्रीय बजट 2025-26 पर पत्रकार-वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट चार प्रमुख इंजनों द्वारा संचालित है। ग्रामीण समृद्धि के लिए कृषि, उद्यमिता और रोजगार सृजन के लिए एम.एस.एम.ई, बुनियादी ढांचे और नवाचार के लिए निवेश तथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा व आर्थिक वृद्धि के लिए निर्यात यह बजट छह प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है, अर्थात कराधान, ऊर्जा क्षेत्र, शहरी विकास, वित्तीय क्षेत्र, नियामक सुधार और खनन। इस बजट का लक्ष्य एक व्यापक छह-आयामी दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसमें विकास को गति देना, समावेशी विकास को सुरक्षित करना, भारत के मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को बढ़ाना, निजी क्षेत्र के निवेश को प्रेरित करना और घरेलू भावना को सशक्त करना शामिल है।

अन्नदाताओं का समग्र कल्याण-

उन्होंने कहा कि पिछले दशक में मोदी सरकार के भारतीय विकास एजेंडे के केंद्र में किसान रहे हैं। अन्नदाता की शक्ति को और मजबूत करने के लिए केंद्रीय बजट में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की घोषणा की गई है। इस योजना के पहले चरण में 100 कम उत्पादकता और कम बीमा कवरेज वाले कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा। कृषि क्षेत्र में रोजगार की कमी को दूर करने के लिए एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। दालों में आत्मनिर्भरता के लिए छह वर्षीय मिशन शुरू किया जाएगा। इसे नफेड और एन.सी.सी.एफ के साथ मिलकर संचालित किया जाएगा। सब्जियों और फलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा। यह मखाना उत्पादकों को संगठित कर उन्हें किसान उत्पादक संगठन के रूप में विकसित करने में मदद करेगा। उच्च उपज देने वाले बीजों पर एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाएगा। यह उन्नत अनुसंधान, अधिक उपज देने वाले, कीट-रोधी और जलवायु-प्रतिरोधी बीजों के विकास और प्रचार-प्रसार पर केंद्रित होगा।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र और हाई सीज़ में मत्स्य पालन को सतत रूप से दोहन करने के लिए एक सक्षम ढांचा लाएगी। इसमें अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। भारत के लाखों कपास किसानों की आय बढ़ाने के लिए, कपास उत्पादकता पर पांच वर्षीय राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाएगा। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के अंतर्गत लिए जाने वाले ऋण की सीमा तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी जाएगी। यूरिया की आपूर्ति को और मजबूत करने के लिए, असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता वाला एक नया संयंत्र स्थापित किया जाएगा।

विश्व स्तरीय शिक्षा के माध्यम से सशक्त होंगे युवा-

केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश के युवाओं को उन्नत कौशल से लैस करना आवश्यक है। इस दिशा में केंद्रीय बजट में अगले पांच वर्षों में 50 हजार अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित करने की योजना की घोषणा की गई है। भारत नेट परियोजना के अंतर्गत सभी ग्रामीण सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। इस बजट में :भारतीय भाषा पुस्तक योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है। सरकार वैश्विक विशेषज्ञता के साथ पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगी। यह केंद्र युवाओं को मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्डः के तहत आवश्यक कौशल से सशक्त बनाएंगे। आई.आई.टी. में 1.35 लाख छात्रों को सुविधा देने के लिए मोदी सरकार 2014 के बाद स्थापित पांच आई.आई.टी. में अतिरिक्त बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी। साथ ही, आई.आई.टी. पटना में हॉस्टल सुविधाओं का विस्तार भी किया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को बढ़ावा देने के लिए, 500 करोड़ रूपए की लागत से ए.आई फॉर एजुकेशनः उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या में 130 प्रतिशत वृद्धि हुई है। अगले पांच वर्षों में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 75 हजार नई सीटें जोड़ी जाएंगी। अनुसंधान, विकास और नवाचार पहल को लागू करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अगले पांच वर्षों में प्रधानमंत्री अनुसंधान छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत सरकार आईआईटी और आई.आई.एस.सी. में तकनीकी अनुसंधान के लिए 10,000 फेलोशिप प्रदान करेगी।

गरीब कल्याण मोदी सरकार की प्राथमिकता-

चौधरी ने कहा कि गरीब कल्याण प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की प्राथमिकता है। सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं के फलस्वरूप देश में करोड़ों लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी ये योजनाएं जारी रहेंगी। इसके अतिरिक्त मोदी सरकार इस बजट के माध्यम से देशभर में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर कार्यरत एक करोड़ से अधिक गिग वर्कर्स को सामाजिक पहचान देने के लिए उन्हें पहचान पत्र जारी करेगी और उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा। साथ ही, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित करने की सुविधा भी प्रदान की गई है। 2018 से अब तक, जल जीवन मिशन के अंतर्गत 15 करोड़ परिवारों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा दी जा चुकी है। यह संख्या भारत की ग्रामीण आबादी का 80 फीसदी हिस्सा कवर करती है। 100 प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के लिए, जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ा दिया गया है, और इसके लिए बजट आवंटन को भी बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि बीते सालों में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने बीते सालों में महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए अनेक प्रयास किए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

   

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